निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने 2250 रुपए लेकर दे दी फर्जी एनओसी
– निजी बैंक ने जांच के लिए एनओसी निगम उपायुक्त को पेश की, जांच करने पर फर्जी निकली
निगम के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने 2250 रुपए लेकर दे दी फर्जी एनओसी
जोधपुर।
नगर निगम उत्तर के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने 2250 रुपए लेकर नगर निगम दक्षिण के उपायुक्त के फर्जी हस्ताक्षर कर अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी बनाकर दे दी। ऋण के लिए पेश एनओसी को निजी बैंक ने जांच के लिए नगर निगम भेजी तो वह फर्जी साबित हुई। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के खिलाफ मंगलवार को भगत की कोठी थाने में धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज बनाने का मामला दर्ज कराया गया है।
थानाधिकारी छत्तरसिंह ने बताया कि नगर निगम दक्षिण की उपायुक्त अल्का बुरड़क की ओर से पेश लिखित शिकायत के आधार पर नगर निगम उत्तर के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी साजिद के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई है। जांच की जा रही है।
मोरगेज लोन के लिए आवश्यकता थी एनओसी की
भगत की कोठी में घांची कॉलोनी निवासी धनराज प्रजापत के पुत्र जितेन्द्र ने भूखण्ड पर ऋण लेने के लिए यश बैंक में आवेदन किया था। लोन के लिए भूखण्ड के संबंध में निगम की एनओसी की आवश्यकता होती है। इसके लिए जितेन्द्र नगर निगम पहुंचा और एनओसी के लिए आवेदन किया। उसे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी साजिद मिला। उसने 2250 रुपए में एनओसी दिलाने का भरोसा दिलाया। झांसे में आकर जितेन्द्र ने उसे 2250 रुपए दे दिए। बदले में उसने रसीद के एक हजार रुपए लिए, लेकिन रसीद नहीं दी। फिर एक अप्रेल को जारी निगर निगम उपायुक्त द्वितीय के फर्जी हस्ताक्षर वाली फर्जी एनओसी दे दी। जो उसने बैंक में पेश कर दी थी। बैंक के लीगल अधिवक्ता कपेन्द्रसिंह ने जांच के लिए एनओसी निगम दक्षिण उपायुक्त कार्यालय में पेश की। जांच में सामने आया कि एनओसी पर अंकित क्रमांक नम्बर और तिथि का निगम के डिस्पेच रजिस्टर से मिलान नहीं हो पाया। रोकड़ संग्रहण में जांच करने पर एक हजार रुपए की रसीद भी भिन्न पाई गई। उपायुक्त द्वितीय को अवगत कराया गया। जांच में एनओसी पर उपायुक्त के फर्जी हस्ताक्षर निकले। जितेन्द्र को कार्यालय बुलाया गया तो उसने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी साजिश को 2250 रुपए देकर एनओसी लेने की जानकारी दी। निगम ने उससे लिखित शिकायत ली और फिर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया।
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