युद्धाभ्यास दौरान खुफिया व निगरानी, टोही विमान द्वारा लंबी दूरी के हमले, सटीक उच्च-मात्रा के हमलों द्वारा दुश्मन के छक्के छुड़ाने सहित एकीकृत वायु-भूमि और संयुक्त हथियार संचालन, तेज गतिशीलता और गहरी-स्ट्राइक आक्रामक क्षमताओं जैसी विभिन्न क्षमताओं का प्रदर्शन होगा। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमता भी परखी जाएगी। वर्तमान में कई नए हथियार है जो इलक्ट्रोनिक तकनीक पर काम करते हैं और युद्ध में बड़ी भूमिका निभाते हैं।
युद्धाभ्यास में मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी/ड्रोन), सटीक-निर्देशित मिसाइलें, लोइटर युद्ध सामग्री, काउंटर-ड्रोन सिस्टम, संचार प्रणाली और स्वचालित स्पेक्ट्रम निगरानी प्रणाली जैसी विशिष्ट टेक्नोलॉजी की टेङ्क्षस्टग की जाएगी। रुस-युक्रेन के अलावा इजराइल-फिलिस्तीन संकट से भी अनुभव लेते हुए टेक्नोलॉजी को परखा जाएगा। आर्मी के टी-90एस और अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक, विभिन्न प्रकार के हॉवित्जर, हेलीकॉप्टर और अन्य हथियार शामिल होंगे। लड़ाकू विमान, अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर और नेवी के विभिन्न विमान भी भाग लेंगे।