यूपीएससी के उम्मीदवारों को वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों में, एक उम्मीदवार के ज्ञान को याद करने की उनकी क्षमता से अधिक चुनौती दी जाती है। महत्वपूर्ण विषयों को समझने के लिए, उम्मीदवारों को सूचना के विभिन्न स्रोतों का उल्लेख करना चाहिए। हालांकि, कई अनावश्यक स्रोतों का हवाला देकर उन्हें भ्रमित नहीं होना चाहिए। बहुत सी बुक ऐसी भी है जहां जानकारी गलत छपी होती है, ऐसे में विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए। वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों की पुस्तक या पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों के जरिए आंकलन करते रहें। दिनचर्या में पढ़ाई के साथ-साथ नींद का समय भी तय करें। परीक्षा के एक दिन पहले भी उचित नींद जरुरी है।
डेली रूटीन में 2 से 3 अच्छे अखबार पढ़ने की आदत को बनाये रखें। अखबार में नवीनतम समसामयिकी के जरिए नोट्स भी तैयार कर सकते हैं। तैयारी को मजबूत करने के लिए, करंट अफेयर्स क्विज़ जैसे मोबाइल एप्लीकेशन को भी काम में ले सकते हैं। नॉलेज ब्रश करने के लिए मॉक टेस्ट को हल करना एक और अच्छा विकल्प है। यूपीएससी परीक्षा को लेकर यूट्यूब चैनल हैं जहां विशेषज्ञ अच्छी जानकारी साझा करते हैं।
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान पिछले साल के प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह अक्सर कवर किए गए सिलेबस, पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार आदि के बारे में जानकारी देती है। यह समय का प्रबंधन करने और यह तय करने में भी मदद करता है कि उम्मीदवारों को पहले किस सेक्शन को हल करना चाहिए।
उम्मीदवारों को आईएएस पाठ्यक्रम का टाइम शेड्यूल होना चाहिए। उनके पास NCERT पाठ्यपुस्तकों में शामिल विषयों का गहन अध्ययन होना चाहिए। इन पाठ्य पुस्तकों का रिवीजन करते रहना चाहिए। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करने से भी स्वयं की परीक्षा तैयारी का आंकलन होता रहता है।
एप्टीट्यूड टेस्ट हल करने की क्षमता केवल उम्मीदवार की निर्धारित समय-अवधि और दबाव में सोचने की क्षमता पर निर्भर करती है। इस पार्ट में समझ, मानसिक क्षमता, तार्किक तर्क आदि विषय शामिल हैं। अभिरुचि पार्ट को निरंतर अभ्यास और एकाग्रता की आवश्यकता होती है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरुरी है मानसिक संतुलन और धैर्य।
उम्मीदवारों को अपनी गति बढ़ाने और अपनी वैचारिक समझ को बेहतर बनाने के लिए कई बार मुख्य अवधारणाओं को संशोधित करना चाहिए। संशोधन से उन्हें पेपर हल करते समय महत्वपूर्ण अवधारणाओं को याद करने में भी मदद मिलती है। समझ की गति तैयार करने के लिए, उम्मीदवार अंग्रेजी की पुस्तकों जैसे कि व्रेन और मार्टिन का उल्लेख कर सकते हैं। हर दिन अखबार पढ़ने से उनके भाषा कौशल में भी सुधार हो सकता है। हिंदी अखबार के तौर पर राजस्थान पत्रिका में एडिट पेज भी रोजाना दिनचर्या में डाल सकते हैं। ऐसे ही अंग्रेजी में भी बहुत से अखबार है।
इतिहास और भूगोल जैसे विषय सैद्धांतिक होते हैं और इन्हें कक्षा 6 से 10 की एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों को पढ़कर तैयार किया जा सकता है। इन विषयों की तैयारी के दौरान महत्वपूर्ण तिथियों और ऐतिहासिक घटनाओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके लिए पढ़ाई के साथ – साथ नोटबुक भी तैयार की जा सकती है।
बिना पैनिक हुए करते रहें रिवीजन
कम समय और परीक्षा नजदीक है ऐसे में नए टोपिक न पढ़ें और सिर्फ रिवीजन चालू रखें। UPSC की तैयारी के लिए मॉक टेस्ट सबसे मददगार है।
संक्षिप्त नोट्स से पढ़ें
अगर आपने सभी सेक्शन के संक्षिप्त नोट्स तैयार कर रहे हैं तो आप नोट्स की सहायता से सारे सेक्शन को कवर करें।
आपको प्रत्येक सेक्शन के महत्पूर्ण टॉपिक्स और सब-टॉपिक्स पर विशेष ध्यान देना चाहिए। महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स से तात्पर्य यहाँ परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या से है।
इस तरह तैयारी करने से आप फोकस होकर पूर्व में पढ़े हुए सभी टॉपिक्स को कवर कर पाते हैं। भटकाव न होने से आपका काफी समय बच जाता है और कोई टॉपिक छूटता भी नहीं है।