राजस्थान में भी नौकरियों में मूल निवासी होने की शर्त जोड़ रखी है लेकिन यह केवल आरक्षित पदों के लिए है। ऐसे में अजा-जजा व पिछड़े वर्ग के लिए ही मूल निवासी होना आवश्यक है। सामान्य वर्ग के अनारक्षित पदों पर किसी भी राज्य के युवा आवेदन कर सकते हैं। उनके लिए कोई कोटा तय नहीं है।
मध्यप्रदेश में पिछले दिनों निकाली गई पटवारी भर्ती में एमपी का मूल निवासी होने की शर्त लगा दी गई थी। जबकि अन्य भर्तियों में दूसरे राज्यों के युवाओं के लिए अधिकतम आयु २५ वर्ष निर्धारित कर रखी है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा में भी बाहरी राज्यों के लिए १५ फीसदी कोटा निर्धारित किया हुआ है। जबकि राजस्थान में ऐसा नहीं है। यहां अब तक न तो कोई कोटा निर्धारित किया गया है और न ही आयु सीमा पर कोई पाबंदी लगाई गई है। बल्कि पिछले महीनों में निकाली गई भर्तियों में तो प्रदेश की तरह दूसरे राज्यों के युवाओं को भी अधिकतम ४० वर्ष उम्र का लाभ मिला।
फरवरी में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए हुई रीट परीक्षा में यूपी, हरियाणा, एमपी सहित आसपास के राज्यों के युवा बड़ी संख्या में बैठे थे। रीट २०१७ करीब ९ लाख अभ्यर्थियों ने दी थी। इनमें से २.५ लाख दूसरे राज्यों के थे। तब से ही बेरोजगार युवा दूसरे राज्यों के लिए कोटा निर्धारित करने की मांग कर रहे हैं।
– उपेन यादव, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान एकीकृत बेरोजगार महासंघ