पंजाब विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ और दिल्ली विश्वविद्यालय सहित कई यूनिवर्सिटीज में मास्टर्स इन फाइनेंस एंड कंट्रोल कोर्स चलाया जा रहा है। इसके अलावा फाइनेंशियल एंड इन्वेस्टमेंट एनालिसस में बैचलर डिग्री भी हासिल की जा सकती है। बहुत से संस्थान इससे संबंधित डिस्टेंस लर्निंग के कोर्स भी चला रहे हैं। दो वर्षीय एमबीए कार्यक्रम के अंतर्गत भी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट की शिक्षा ली जा सकती है।
इस कोर्स को करने के लिए वही स्टूडेंट्स योग्य हैं, जिन्होंने अपना ग्रेजुएशन पूरी कर लिया है। अगर आप 12वीं या समकक्ष हैं तो भी आप एंट्री कर सकते हैं। कुछ संस्थानों में अलग-अलग कोर्स और प्रवेश के मानक हैं, लेकिन एंट्रेंस एग्जाम सभी संस्थानों में होते हैं। कुछ संस्थान गु्रप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू भी लेते हैं। कई संस्थानों में इस योग्यता के साथ कुछ सालों का किसी कंपनी में काम का अनुभव भी मांगा जाता है। वैसे इस क्षेत्र में जाने वाले अधिकतर लोग कॉमर्स एजुकेशन की बैकग्राउंड से ही आते हैं।
इन्वेस्टमेंट मैनेजर बनकर आप कॅरियर को नई ऊंचाई दे सकते हैं, क्योंकि इनकी मांग सभी इन्वेस्टमेंट सेक्टर में है। इन्वेस्टमेंट मैनेजर पेंशन, फंड और इंश्योरेंस सेक्टर में काफी अच्छी भूमिका निभाते हैं। इन्वेस्टमेंट मैनेजर को शुरुआती दौर में 12000 से 15000 हजार तक का वेतन मिलता है। अनुभव बढऩे के साथ वेतन में भी इजाफा होता जाता है। इस क्षेत्र में वही लोग सफल हो सकते हैं, जिनके पास अच्छी कम्युनिकेशन स्किल हो।