पहली नौकरी लगने बाद आप सबसे पहले छोटी सी बचत की आदत डालें। जैसे ही आपको सैलेरी मिले सबसे पहले तनख्वाह का एक छोटा हिस्सा अपने बचत बैंक में जमा करवाएं। शुरुआत में हो सकता है यह आपका झंझट लगे लेकिन एक बार आदत में आने के बाद आपको इसमें मजा आने लगेगा। बैंक में डिपोजिट करने के अलावा आप म्युचुअल फंड में SIP भी करवा सकते हैं।
2. शौक नहीं, जरूरत पर खर्च करें
ऐसा अक्सर देखने में आता है जब आदमी को सैलेरी मिलती है तो वो दो चार दिन दिल खोलकर खर्च करता है लेकिन ऐसा करना उसके भविष्य के हिसाब से बिल्कुल भी सही नहीं है। आप सैलेरी आने पर उन्हीं चीजों के लिए पैसे खर्च करें जो वास्तव में बहुत जरूरी है। इस तरह आप अपने बेवजह के खर्चों को कंट्रोल कर सकते हैं।
3. कमाई के साथ बचत भी बढ़ाएं
अगर आपकी सैलेरी में बढ़ोतरी होती है तो आपको अपनी बचत में भी वृद्धि करनी चाहिए। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि व्यक्ति को अपनी इनकम का कम से कम एक तिहाई हिस्सा अपनी बचत पर खर्च करना चाहिए। आपकी इस आदत से भी आपके फ्यूचर में कभी पैसों की कमी नहीं आएगी।
हमारी सोसायटी में अक्सर यह देखने में आता है कि लोग अपने आप को दूसरे से बेहतर दिखाने के लिए और अपना स्टेटस बढ़ाने के लिए काफी फिजूल खर्च करते हैं। लेकिन दिखावे के नाम पैसों की बर्बादी करना बिल्कुल भी अच्छा कदम नहीं है इसलिए आप ऐसी फिजूलखर्ची से बचें।
5. रिटायरमेंट के लिए प्लान करें
अगर आपकी सरकारी नौकरी नहीं है तो आपको अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करनी चाहिए क्योंकि 60 वर्ष के बाद भी आपको जीविकापार्जन के लिए कुछ पैसों की आवश्यकता होगी। इसके लिए आप या तो किसी इंश्योरेंस कंपनी में जाकर पेंशन प्लान ले सकते हैं या फिर भारत की अटल पेंशन योजना में भी निवेश कर सकते हैं।