राज्य सरकार की ओर से शिक्षकों के कपड़े को लेकर जो सुर्कलर जारी किया गया उसमें कहा गया है कि शिक्षकों का पहनावा उनके व्यक्तित्व का अहम हिस्सा है और दूसरों पर इसका असर पड़ता है। ऐसे में शिक्षकों को उनके पद के अनुरूप ही कपड़े पहनना चाहिए। शिक्षकों की पोशाक साफ होनी चाहिए और स्कूलों को अपने शिक्षकों के लिए एक ड्रेस कोड जारी करना चाहिए।
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सरकार द्वारा जारी नए आदेश में शिक्षकों के कपड़े पर बहुत सी पाबंदियां लगाई गई हैं। पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड तय किया गया है। महिलाओं को जींस या टी-शर्ट (Jeans T-Shirt), गहरे रंग, प्रिंट या डिजाइन वाले कपड़े पहनने की अनुमति नहीं होगी। महिलाएं साड़ी, शूट, सलवार और दुपट्टा पहन सकती हैं, लेकिन हल्के रंग की और सिंपल सी।
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वहीं इस सर्कुलर में कपड़ों के साथ महिला और पुरुष शिक्षक के जूतों को लेकर भी आदेश जारी किया गया है। महिला और पुरुष दोनों को ही ऐसे फुटवेयर (Footwear For Teachers) पहनने चाहिए जो पोशाक को शोभा दे। पुरुष शिक्षकों को जूते पहनने चाहिए। स्काउट गाइड शिक्षकों को स्काउट गाइड ड्रेस पहनना होगा। अगर किसी शिक्षक को मेडिकल कारणों से जूता पहनने में परेशानी है तो उन्हें छूट दी जाएगी।इसी के साथ सरकार ने शिक्षकों को डॉक्टरों की तरह अपने नाम के आगे ‘Tr’ लगाने की अनुमति दी है। मराठी में ‘टी’ और अंग्रेजी में ‘Tr’ लगाना चाहिए। यह संबोधन शिक्षक अपने गाड़ियों पर भी लगा सकते हैं।