कुशल कर्मियों की मांग और आपूर्ति में अंतर से 2018 में उद्योग के प्रदर्शन पर असर पड़ा। क्योंकि उद्योग में करीब पांच लाख नौकरियों के लिए 1,40,000 कुशल आईटी कर्मी नहीं मिले। अग्रवाल ने कहा, साल 2021 तक एआई और बिग डेटा में 7,80,000 नौकरियां होंगी, लेकिन 2,30,000 कुशल कर्मियों की कमी होगी। वल्र्ड इकॉनमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की ‘द फ्यूचर ऑफ जॉब्स 2018’ रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर के करीब 54 फीसदी आईटी कर्मियों को नए प्रौद्योगिकी के हिसाब से दोबारा कौशल का प्रशिक्षण देने या उनके कौशल को बढ़ाने की जरूरत है।
आईटी उद्योग अब नई प्रौद्योगिकियों को अपना रहा है, जिसमें एआई, मशीन लर्निंग (एमएल), डेटा एनालिटिक्स, ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, क्लाउड और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) शामिल हैं। ऐसे में कुशल कर्मियों की कमी के कारण कंपनियां चुनौतियों का सामना कर रही हैं। अग्रवाल ने कहा, उद्योग अपने कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर करीब 10,000 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है, ताकि भविष्य के आईटी कार्यबल तैयार कर सके।