इस सर्वे की रिपोर्ट को एक गैर-लाभकारी संगठन माइकल एंड सुजन डेल फाउंडेशन (MSDF) द्वारा भारत शिक्षा उद्यमिता दिवस (IEED) के छठें दिन प्रस्तुत किया गया था। सर्वे में भारतीय युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाओं को बेहतर बनाने तथा उनके लिए नए अवसर खोजने के प्रयासों हेतु यह सर्वेक्षण किया गया था।
माइकल एंड सुजन डेल फाउंडेशन (MSDF) के कार्यक्रम निदेशक राहिल रंगवाला ने कहा कि इस रिपोर्ट के उद्देश्य नीति निर्माताओं, बाजार सहभागियों और अन्य प्रमुख हितधारकों को ध्यान में रखते हुए भारतीय शिक्षा और रोजगार पारिस्थितिकी तंत्र में सामने आने वाली कुछ चुनौतियों का सामना करना है। इस सर्वे में शोधकर्ताओं ने 1605 छात्रों से प्रश्न पूछे। इन शोध में सामने आया कि 92 प्रतिशत भारतीय युवा ऑनलाइन प्लेसमेंट सेवाओं से अनजान हैं।
शोध में यह भी पता चला कि 38 प्रतिशत भारतीय युवा प्रोफेशनल्स खुद का स्टार्टअप शुरु करना चाहते हैं, जबकि 88 प्रतिशत युवाओं के पास तकनीकी योग्यता के डिप्लोमा अथवा अन्य सर्टिफिकेट्स नहीं है। अध्ययन में कहा गया है कि अधिकांश लोग मानते हैं कि भारत में हर साल लगभग 1.20 करोड़ (12 मिलियन) से अधिक लोग लेबर मार्केट में प्रवेश करते हैं, जबकि वास्तविक आंकड़ों के अनुसार यह संख्या पचास लाख (5 मिलियन) से भी कम है।
इस शोध में यह भी सामने आया कि 56 प्रतिशत उत्तरदाता यह स्वीकार कर रहे थे कि उनके पास उपलब्ध शैक्षणिक योग्यता व टेक्निकल स्किल्स इतने अच्छे नहीं थे कि उन्हें अपने कॅरियर में आगे बढ़ने के अच्छे अवसर मिल सके।
सर्वे के रिजल्ट्स बताते हुए टीआईई दिल्ली-एनसीआर के कार्यकारी निदेशक, गीतिका दयाल ने कहा कि टीईई का मिशन हमेशा एक छत के नीचे प्रमुख पारिस्थितिक तंत्र के हितधारकों को एक प्रगतिशील भविष्य की ओर देश को चलाने के उद्देश्य से इकट्ठा करना है। दयाल ने आगे कहा कि यह सर्वे भारत में युवा, रोजगारपरक कार्यबल की नौकरी से संबंधित आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार के साथ-साथ उद्योग निकायों को भी सशक्त करेगा।
– प्राइवेट जॉब नहीं, सरकारी नौकरी है युवाओं की पहली पसंद
– हर वर्ष भारत में पचास लाख युवा जॉब मार्केट में प्रवेश करते हैं
– 56 प्रतिशत युवा अपनी शिक्षा और क्वालिफिकेशन से संतुष्ट नहीं हैं
– 92 प्रतिशत युवाओं को ऑनलाइन प्लेसमेंट सर्विसेज के बारे में नहीं है जानकारी
– 38 प्रतिशत युवा जॉब नहीं करना चाहते वरन स्टार्ट अप में रखते हैं रुचि