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रीट परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट यानी rajeduboard.rajasthan.gov.in पर शुरू हो चुकी है। आवेदन शुल्क पहले के सामान ही रखा गया है और बोर्ड ने अधिसूचना में विशेष रूप से संकेत दिया है कि आवेदन शुल्क में कोई वृद्धि नहीं है और यह 2017 की तरह ही है।
रीट 2021 के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया गया है। बोर्ड द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार राजस्थान के भूगोल, इतिहास, कला और संस्कृति से संबंधित विषय अब पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। बोर्ड ने इस तथ्य को देखते हुए बदलावों को उचित ठहराया है कि पिछली बार से, पाठ्यपुस्तकों में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं। इस तरह के बदलावों और NCTE दिशानिर्देशों को ध्यान में रखकर नवीनतम पाठ्यक्रम को तैयार किया गया है।
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न्यूनतम अर्हक अंकों में हुआ बदलाव
पूर्व में आयोजित परीक्षाओं में उम्मीदवारों को परीक्षा की फाइनल मेरिट लिस्ट में अपना स्थान सुरक्षित करने के लिए परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक था। लेकिन इस बार बोर्ड ने न्यूनतम अर्हक अंक को संशोधित किया है। एसटी उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम योग्यता अंक अब नॉन-टीएसपी श्रेणी के लिए 55 और टीएसपी श्रेणी के लिए 36 हैं। 2017 में, नॉन-टीएसपी (एसटी) श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम अर्हक अंक 60 थे। राज्य के एससी, ओबीसी, एमबीसी और ईडब्ल्यूएस की श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम योग्यता अंक भी 5 अंक घटा दिए गए हैं। बोर्ड ने विधवा और ईएसएम श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम अर्हक अंक 10 अंक घटा दिए हैं, जबकि पीडब्ल्यूडी श्रेणियों से संबंधित उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम योग्यता अंक 20 अंक घटा दिए हैं।
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चयन मानदंडों में अंकों का वेटेज बदला
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रीट 2020 के लिए चयन मानदंड में अंकों के वेटेज के वितरण को भी संशोधित किया है। इससे पहले, अंक वेटेज, रीट परीक्षा में स्कोर पर आधारित था और शैक्षणिक योग्यता 70:30 के अनुपात में थी। वर्तमान में, अंकों के वेटेज को 90:10 के अनुपात में संशोधित किया गया है, स्नातक में प्रतिशत अंकों का वेटेज 10 अंकों का होगा।
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फर्स्ट लेवल में बीएड डिग्रीधारी नहीं होंगे पात्र
बोर्ड सबसे बड़ा बदलाव इस बार ये भी किया है कि बीएड डिग्रीधारी युवा फर्स्ट लेवल के लिए पात्र नहीं होंगे। इस बदलाव को लेकर भी हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई है। याचिका में बीएड धारकों को रीट लेवल फर्स्ट में शामिल न कर सिर्फ बीएसटीसी धारकों को ही मौका देने को आधार बनाया गया है। एनसीटीई की गाइडलाइन को असंवैधानिक बताते हुए कहा गया है कि रीट की विज्ञप्ति सही नहीं है। सुनवाई अगले सप्ताह की जाएगी। लुबना फातिमा की ओर से दायर याचिका में केंद्र व राज्य सरकार एनसीटीई के चेयरमैन व रीट-2021 समन्वयक सहित अन्य को पक्षकार बनाया है। याचिका में बताया गया है कि रीट 2021 के लेवल फर्स्ट में बीएड धारकों को शामिल नहीं कर उनसे कम योग्यता वाले बीएसटीसी धारकों को शामिल किया है।