रीट के पहले आरटेट राजस्थान में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों के लिए एक अर्हकारी परीक्षा है। न्यायमूर्ति एम रफीक और जी आर मूलचंदानी की खंडपीठ ने महेंद्र जटोलिया की एक अपील याचिका पर निर्देश जारी किया। मामला करीब 26,000 ग्रेड- III शिक्षकों की नियुक्ति का है, लेकिन मुकदमेबाजी के कारण नियुक्ति में देरी हुई है। REET क्वालीफाइंग परीक्षा सात साल की अवधि के लिए वैध हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि RTET 2011-12 और REET परीक्षा 2015-17 के अंकों के प्रतिशत में व्यापक भिन्नता है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि REET 2015 का प्रतिशत अंकों के सामान्यीकरण के बिना बहुत अधिक था, जो उम्मीदवार चयन के लिए लाभप्रद स्थिति में उस वर्ष में उत्तीर्ण हुए थे। इसलिए, उन्होंने मेधावी उम्मीदवारों का चयन करने के लिए विभिन्न परीक्षाओं के अंकों के ‘सामान्यीकरण’ की मांग की। 9 जनवरी को हुई सुनवाई में यह सब कहा गया।