राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र पेश कर इस भर्ती में आरटेट 2011 एवं 2012 और रीट 2015 एवं 2017 के पास हुए अभ्यर्थियों का ब्यौरा दिया था। अपील में न्यायालय के गत 8 अक्टूबर के उस फैसले को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि आरटेट 2016 एवं 2017 के पेपर्स का समानीकरण किया जाना चाहिए क्योंकि पेपर्स अलग अलग हुए थे। उल्लेखनीय है कि खंडपीठ ने गत 23 अक्टूबर को एकलपीठ के फैसले के आधार पर नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी थी।