सरकार ने 1080 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के बाद सुरज्ञान सिंह एवं अन्य ने कट ऑफ को लेकर याचिका दायर की। मुख्य परीक्षा के परिणाम पर रोक के चलते डेढ़ साल से भर्ती प्रक्रिया रूकी हुई थी। बीते दिनों सरकार व आरपीएससी ने प्रार्थना पत्र दाखिल कर परिणाम जारी करने की अनुमति मांगी।
यह था विवाद
आरएएस व अधीनस्थ सेवा के 1080 पदों की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में सामान्य वर्ग की 76.06, ओबीसी की कट ऑफ 99.33 प्रतिशत रही। सामान्य से ज्यादा अंक वाले ओबीसी अभ्यर्थियों ने याचिका दायर की। कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए।
यह निकाला हल
राज्य सरकार ने बीते दिनों आरएएस भर्ती परीक्षा नियम 1999 के नियम 15 में बदलाव किया है। आरपीएससी के अधिवक्ता एमएफ बैग के अनुसार मुख्य परीक्षा में श्रेणीवार 15 गुणा अभ्यर्थियों को बुलाने की जगह मेरिट के अनुसार 15 गुणा छात्रों को मुख्य परीक्षा में शामिल करने का नियम लागू किया है। इसी के साथ आरक्षित वर्ग के छात्रों, जिनके अंक सामान्य वर्ग से ज्यादा है, को मुख्य परीक्षा के योग्य माना है। ऐसे में मुख्य परीक्षा में शामिल सभी छात्र भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो गए और सभी याचिकाएं सारहीन हो गई। सूत्रों के अनुसार प्री-आरएएस की परीक्षा को यूपीएससी पैट्रन पर करने के लिए बनाई गई कमेटी की सिफारिशों के आधार नियमों में संशोधन किया गया है।