रोडवेज प्रशासन ने सेवानिवृत कर्मचारियों के बकाया लाभ देने सहित अन्य वित्तीय स्थिति को देखते हुए मुख्यालय के पास वैशाली नगर डिपो की जमीन को बेचने की योजना तैयार की थी। इसको लेकर जेडीए को जिम्मेदारी बेचने की सौंपी गई थी। जेडीए ने इसके नक़्शे आदि बनाकर बेचने को लेकर विज्ञापन भी जारी कराए। लेकिन जमीं नहीं बिक सकीय। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में यह प्रयास हुए थे। लेकिन कांग्रेस के सत्ता में आते ही रोडवेज की जमीन बेचने के बजाय अपने प्रयासों से ही रोडवेज को मजबूत करने के लिए कहा गया।
हजारों की संख्या में युवा रोडवेज कंडक्टर भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। परिचालक भर्ती के लिए लाइसेंसधारी युवाओं को ही आवेदन का पात्र माना जाता है। लंबे समय से भर्ती नहीं होने के चलते उम्मीद लगाई जा रही थी कि रिक्त पदों पर जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रोडवेज में चालक, परिचालक और आर्टिजन ग्रेड के पदों पर भर्ती के लिए विभाग को मंजूरी का इंतजार है। बता दें कि इस वित्तीय वर्ष में 75 हजार रिक्त पदों को भरा जाएगा।