प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने बताया कि याचिकाकर्ताओं का पशुधन सहायक भर्ती 2016 की प्रतीक्षा सूची में नाम था और कर्मचारी चयन बोर्ड ने इस सूची में शामिल अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की सिफारिश कर दी। इसी बीच 26 अप्रैल, 2018 को कार्मिक विभाग ने एक परिपत्र जारी किया, जिसमें कहा गया कि नई भर्ती के तहत परीक्षा होने पर पुरानी भर्ती के पद समाप्त माने जाएंगे। इसके आधार पर याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति से इनकार कर दिया। प्रार्थीपक्ष ने इसे चुनौती देते हुए कहा कि पुरानी भर्ती की परीक्षा सूची नई भर्ती के बाद जारी की गई और पुरानी के पदों को नई भर्ती में शामिल नहीं किया गया है। इस कारण याचिकाकर्ताओं को नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।
सरकारी पक्ष की ओर से महाधिवक्ता एम एस सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि नई भर्ती का विज्ञापन जारी हो चुका है, इस कारण पुरानी के तहत नियुक्ति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने भर्ती नियमों का हवाला देते हुए कहा कि कार्मिक विभाग का 26 अप्रैल 2018 का परिपत्र उन भर्तियों पर लागू नहीं होगा, जहां पूर्व की भर्ती के लिए विज्ञापित पद नए विज्ञापन में शामिल नहीं हों।