एक चमाट में बिहार पहुंच जाओगी (Private Jobs Toxic Workplace Environment)
उन्होंने 22 अप्रैल 2024 की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक सहयोगी ने जातीय रूप से असंवेदनशील टिप्पणी की थी। उनके सहकर्मी ने उन्हें कहा था, “एक चमाट मारेंगे, बिहार पहुंच जाओगी।” हालांकि, इसकी सूचना मैनेजर को देने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। टीम की बैठक में, इसे ‘घृणास्पद टिप्पणी’ नहीं माना गया। नीतिका ने इस संबंध में एचआर टीम के पास पीओएसएच (यौन उत्पीड़न रोकथाम) के तहत शिकायत दर्ज की थी। हालांकि, इस मामले पर कुछ खास एक्शन नहीं लिया गया। उन्हें 3 हफ्ते बाद एक ई-मेल प्राप्त हुआ, जिसमें कार्रवाई पर कोई अपडेट दिए बिना घटना पर प्रतिक्रिया मांगी गई।
HSBC की एक कर्मचारी हुईं प्रताड़ित (Private Jobs)
उन्होंने अपनी इस पोस्ट में कहा कि इस तरह की घटनाओं ने मेरे मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया। वहीं ओर घटना का जिक्र करते हुए बताया कि एक बार उन्हें कहा गया, “तेरे जैसी लड़की हम आज तक नहीं देखे हैं, अकेले पूरा यूके टीम का नाम खराब कर के रखी है।” नीतिका के लिए ये टिप्पणी इसलिए की गई क्योंकि वे सिगरेट पीती हैं। हालांकि, जिस सहकर्मी ने उन पर ये टिप्पणी की उसे नितिका ने तंबाकू खाते और थूकते हुए देखा है।
सोशल मीडिया पर लोगों ने किया समर्थन
नीतिका की इस पोस्ट (Nitika Kumari LinkedIn Post) पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा, “लड़की, तुम्हारे पास हिम्मत और धैर्य है। हर किसी के पास नहीं है।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “आपके लिए अच्छा है कि आप खुद के लिए खड़ी हुईं। एचएसबीसी की ओर से इस तरह के घृणित व्यवहार पर कार्रवाई करने में विफलता आपकी गलती नहीं है।” वहीं कई लोगों ने इस मामले में एचएसबीसी से कार्रवाई करने की अपील की। एक यूजर ने लिखा, “नीतिका ने अच्छा काम किया, बेहतर उदाहरण पेश करने के लिए आरोपित व्यक्ति को कंपनी से निकाल देना चाहिए। एचएसबीसी कृपया इस मामले को देखे। किसी को प्रताड़ित किया जाना स्वीकार्य नहीं है।”