कैम्पस में नहीं रहना चाहते प्रोफेसर्स
एमएनआइटी के प्रोफेसर्स से बातचीत करते हुए एचआरडी मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि टीचर्स और प्रोफेसर्स कैम्पस में नहीं रहना चाहते। इसकी एक वजह बेहतर एचआरए नहीं मिलना है। उन्होंने कहा कि बेहतर टीचरशिप के लिए टीचर्स का कैम्पस में रहना जरूरी है। मिनिस्ट्री के स्तर पर इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
स्टेट यूनिर्वसिटीज का कॅरिकुलम बदलेगा
उन्होंने कहा कि स्टेट यूनिवर्सिटीज का कॅरिकुलम दस-दस साल पुराना है। इसे बदलने के लिए एआइसीटीई की तर्ज पर मॉडल कॅरिकुलम लाने पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही कॉलेज में होने वाली सुसाइड की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए आइआइटीज समेत तकनीकी संस्थानों में एेसी सेल तैयार करेंगे, जिसमें एक्सपट्र्स स्टूडेंट्स की एक्टिविटीज पर नजर रखेंगे। उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि गूगल पर मिल रहे कंटेंट का भरोसा नहीं है, एेसे में वे इसे देखकर एग्जाम ओरिएंटेड स्टडी न करें।
एनआइटीज के साथ आइआइटीज में स्पेशल राउंड
जावड़ेकर ने संकेत दिए कि अगले साल से एनआइटीज के स्पेशल राउंड की तर्ज पर आइआइटीज में भी सीटें भरने के लिए स्पेशल राउंड काउंसलिंग आयोजित की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि इस साल एनआइटीज में दो स्पेशल राउंड आयोजित किए गए थे। जिससे 99 प्रतिशत सीटें भर गई थी।