जरूरी नहीं कि जो आइडिया इनोवेटिव हो, वह आपकी कंपनी के वर्क कल्चर के हिसाब से फायदेमंद भी हो। इसलिए एंप्लाइज के इनोवेटिव आइडियाज को मानने की कोई बाध्यता भी नहीं है। लेकिन अच्छा यह है कि आप उनके आइडियाज सुनें और उन पर पालन न करने के स्थिति में उन्हें फीडबैक जरूर दें। किसी आइडिया पर काम करने पर उसका श्रेय इनोवेटर को ही दें। इससे बाकी लोगों को भी लगातार कंपनी के हित में सोचने की प्रेरणा मिलेगी।
यदि आप चाहते हैं कि आपके एंप्लॉइज बाहर चल रही नई-नई तकनीकों से अपडेट हों, तो इसके लिए कुछ प्रयास आपको भी करने होंगे। उनके लिए बाहर से प्रशिक्षक बुलवाकर सेमिनार आयोजित कराएं और अवसर मिलने पर एंप्लॉइज को कंपनी से बाहर नई चीजें सीखने के लिए भेजें। इस तरह से उनकी सोच को एक विस्तार मिलता है, जिसका लाभ आपकी कंपनी को मिलता है।
कामकाज में इनोवेशन लाने के लिए अक्सर लोग खाली बैठकर सोचना चाहते हैं। आप उन्हें ऐसे अवसर दे सकते हैं कि वे अपने खाली समय में ऑफिस के कुछ संसाधनों का इस्तेमाल कुछ इनोवेटिव बनाने में कर सकें। फ्री टाइम में ज्यादा बाध्यताएं न लगाएं।
अपने ऑफिस में मीटिंग्स और सेमिनार्स के दौरान अपने एंप्लॉइज को उनके आइडियाज रखने का अवसर दें। अच्छे आइडियाज पर गौर भी करें। ऑफिस के काम में आने वाली समस्याओं को एक-एक करके एंप्लॉइज के बीच बताकर उन्हें हल करने के सुझाव भी मांग सकते हैं।
जिन एंप्लॉइज के इनोवेटिव आइडियाज कंपनी के वर्क कल्चर को सुधारने में मददगार साबित हों, उन्हें पुरस्कृत करना न भूलें। इन एंप्लॉइज के आइडियाज को सराहना मिलने से दूसरे एंप्लॉइज में इनोवेशन के प्रति रुझान बढ़ेगा और वे पुराने ढर्रों से अलग कुछ नया, कुछ अच्छा करने की भी कोशिश करते रहेंगे। इनोवेशन को बढ़ावा इस तरह दिया जाना चाहिए कि कंपनी का काम भी बाधित न हो और नई दिशा में सोचने के लिए एंप्लॉइज को प्रेरणा भी मिले।