गौरतलब है कि गुजरात केंद्र की इस आरक्षण योजना को लागू करने की घोषणा करने वाला पहला राज्य था। पटेल ने कहा कि वार्षिक 8 लाख की आय में स्वयं उम्मीदवार, उसके माता-पिता और साथ रहने वाले भाई-बहन की आय की गणना की जाएगी। इस आय में किसी भी नौकरी का वेतन, खेती-बाड़ी की आय सहित व्यापार-व्यवसाय की आय आदि को शामिल किया जाएगा। राज्य में वर्ष 1978 से पहले से रहने वाले सवर्ण समाज के सभी परिवार के युवा जो आर्थिक मापदंड के अंतर्गत आते हैं, उन्हें इस 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण का लाभ मिलेगा।
इसके अलावा, राज्य सरकार की नीति के अनुसार प्रत्येक भर्ती में 33 फीसदी बैठक महिलाओं के लिए आरक्षित रखी जाती हैं। इसके अनुसार सवर्ण समाज की आरक्षित बैठकों में भी 33 फीसदी बैठकें महिलाओं के लिए आरक्षित रखी जाएंगी। राज्य सरकार द्वारा आगामी समय में की जाने वाली विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं में भी अब से 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण का प्रावधान शामिल कर नियुक्ति की प्रक्रियाएं शुरू की जाएंगी। गुजरात सरकार की नौकरी या शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए 8 लाख रुपए सालाना से कम आय का एक ही मापदंड लागू होगा। हालांकि, केंद्र सरकार की भर्तियों तथा शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के मापदंड केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए मापदंड के मुताबिक रहेंगे।