एएमयू के आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, डीन, विज्ञान संकाय फैकल्टी और अध्यक्ष, रसायन विभाग के परामर्श से सोमवार को तत्काल प्रभाव से नियुक्ति की गई। इससे पहले शाम को, परिसर में पुलिस को बुलाने के लिए बड़ी संख्या में छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने वाइस चांसलर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कैंडल लाइट मार्च निकाला।
रविवार को, एएमयू वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने एएमयू परिसर में हुई घटनाओं के लिए जस्टिस (रिटायर्ड) वी.के. गुप्ता की निगरानी में एक जांच समिति गठित की और वह 15 दिसंबर को हुई घटनाओं की जांच करेंगे और तीन महीने की अवधि के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। जस्टिस गुप्ता हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं।