एक साल और 29800 नए रोगी चिकित्सा अधिकारियों के मुताबिक दो साले के दौरान डायग्नोस हुए रोगियों का एनालासिस किया जाए तो 2022 की तुलना में 2023 में 29 हजार 800 नए लोग हाइपरटेंशन की जद में आ गए। तेजी से इसकी जद में आते लोगों का यह आंकड़ा जिले की 24 लाख की जनसंख्या के अनुसार चिंताजनक है। जिले में 2022 में चिकित्सा विभाग की ओर से 85 हजार 472 लोगों में हाइपरटेंशन डायग्नोस हुआ था। जबकि 2023 में यह बढ़कर 1 लाख 15 हजार 272 पर पहुंच गया। ये सभी पीड़ित सरकारी अस्पतालों से दवा ले रहे हैं।
कारण -आनुवांशिक, बदलती जीवनशैली -तम्बाकू एवं मदिरा का सेवन -मोटापा, व्यायाम न करना, ज्यादा नमक का सेवन -थायराइड की बीमारी, एड्रीनल ग्रंथी व डायबीटीज, शरीर में वसा की अधिक मात्रा, वृद्धावस्था, गुर्दे की खराबी
लक्षण और बचाव के तरीके लक्षण -सिर दर्द होना, चक्कर आना -धूंधला दिखाई देना -दिल का दौरा,गुर्दे की खराबी, लकवा -रक्तवाहिनी का कठोर होना -नाक से खून आना -जी मिचलना , उल्टी होना
बचाव एवं उपचार के तरीके -नमक का सेवन कम करें -पापड़/पैकट नमकीन/ब्रेड/चिप्स/पैकट फूड/रेडीमेड सूप/पिज्जा/ चाइनीज फूड से परहेज करें -पोटेशियम वाली चीजें खाएं, जैसे ताज़ा फल, दालें, सब्जी, अधिक रेशे वाले खाद्य पदार्थ खाएं और नियमित व्यायाम करें।
एक्सपर्ट ओपिनियन बीडीके अस्पताल में कार्यरत सीनियर फिजिशियन एवं मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. कैलाश राहड़ बताते हैं कि हाइपरटेंशन की जद में आने का मुख्य कारण आधुनिक जीवनशैली है। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराएं व चिकित्सक की सलाह के अनुसार दवा लें। साथ ही अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें। पीड़ित लोग खान-पान का विशेष ध्यान रखें।
—————– 2022 की तुलना में 2023 में 30 हजार के करीब हाइपरटेंशन के नए रोगी जिले में बढ़े हैं। यह बदलती लाइफस्टाइल के साथ-साथ कोरोना की वजह से भी हुआ है। कोरोना से पीड़ित लोग भी हाइपरटेंशन के शिकार हुए हैं। लाइफस्टाइल बदलनी होगी।
डॉ. राजकुमार डांगी, सीएमएचओ, झुंझुनूं