संध्या राजोतिया: वॉल पिक्चर से शुरुआत, अब करने लगी ज्वैलरी डिजाइन
हवाई पट्टी के पास एफसीआई गोदाम के पीछे रहने वाली महिला संध्या राजोतिया ने कोरोना के बाद से यह काम शुरू किया। शुरुआत में विभिन्न देवी-देवताओं की वॉल पिक्चर व शुभ-लाभ बनाना शुरू किया। संध्या बताती हैं कि उन्हें आर्ट एंड क्राफ्ट में रूचि थी। इसलिए अब इसे ही बिजनेस बना लिया है। शादी के बाद ससुरालवालों ने सपोर्ट किया तो उन्होंने इस कार्य को शुरू किया। अब कई सालों से वॉल पिक्चर, शुभ-लाभ, गणेश पूजन, लक्ष्मी पूजन जैसी सामग्री का निर्माण करती हैं। इन उत्पादों के अलावा अब वे शादी में दुल्हन के लिए स्पेशल ज्वैलरी भी बनाती हैं। इसके लिए अब उनके पास ऑर्डर आते हैं। इसके अलावा हर त्योहार पर जिस तरह की चीजों की मांग होती है वह उनका निर्माण कर बेचती हैं।
ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिए भी बेचती हैं उत्पाद
अनेक स्थानों पर लगने वाले मेलों में स्टॉल लगाने के अलावा उत्पादों को बेचने के लिए संध्या ऑनलाइन प्लेटफार्म का भी सहारा लेती हैं। अधिकांश सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर माटी के रंग के नाम से अपने उत्पादों को बेचती हैं और ब्रांडिंग करती हैं। इन उत्पादों की कीमत साइज और लागत के अनुसार सौ रुपए से लेकर साढ़े चार हजार रुपए तक है।
वेस्ट मेटेरियल से बनाती हैं थ्रीडी पेंटिंग, दो दर्जन महिलाओं को दिया रोजगार
बगड़ की बहू व झाझड़ की बेटी प्रियंका जांगिड़ लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह चलाती हैं।समूह से करीब दो दर्जन महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इनकी बनाई गई विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां आज हर किसी का मन मोह रही हैं। प्रिंयका बताती हैं कि उन्हें बचपन से ही रूचि थी। बचपन में मट्कों व गिलास पर डिजाइन बनाया करती थी। ग्रेजुएशन करने के बाद फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया। फिर इनकी शादी बगड़ में हो गई। बगड़ से 2018 में झुंझुनूं शिफ्ट हो गई। बुटिक की शुरुआत की। लेकिन उन्हें अमृता हाट से वेस्ट मेटेरियल से कलाकृतियां बनाने की थीम मिली। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पुलिस के मैसेज देने वाले लोगो, बंदरवाल, शुभ-लाभ, वॉल पिक्चर, फ्लवार पोट्रेट समेत अनेक कलाकृतियां बना रही हैं।