करीब 567 घरों वाले इस गांव में 360 से भी अधिक फौजी देश सेवा कर वापस आ गए। जबकि 48 जवान अभी कार्यरत हैं। हर साल बड़ी संख्या में युवा सेना भर्ती में शामिल होते हैं। जज्बा ऐसा है कि हर दिन युवा सुबह चार बजे ही उठकर सेना भर्ती के लिए दौड़ व अन्य कसरत करने में जुट जाते हैं। गांव में सिपाही के अलावा मेजर, लेफ्टिनेंट व कर्नल सहित बड़े पदों पर भी अनेक युवा कार्यरत हैं। गांव के गंगासिंह शेखावत, नारायण सिंह, रूपसिंह, भगवंतसिंह, बन्नेसिंह, भगवानसिंह, लक्ष्मणसिंह आजादी से पूर्व की स्टेट फोर्स में शामिल रहे। इनके अलावा मानगार्ड, कोटा इनफेंट्री, गंगा रिसाला, ब्रिटिश इंडिया आर्मी में भी यहां के वीर सेवा दे चुके हैं। द्वितीय विश्व युद्ध में भी यहां के जवान अपनी वीरता दिखा चुके।
#village of jhunjhunu भौमिया जी की मान्यता गांव के गुवाड़ में भौमियाजी का मंदिर है। भाद्रपद की त्रयोदशी को यहां जागरण व चतुर्दशी को मेला भरता है। जिसमें पूरा गांव मंदिर में भोग लगाता है। गांव से जब भी कोई फौजी छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर जाता है या पहली बार नौकरी पर जाता है तो भौमियाजी मंदिर के धोक अनिवार्य रूप से लगाकर जाता है। मान्यता है कि भौमियाजी की कृपा के चलते गांव के किसी फौजी को जान नहीं गंवानी पड़ी।
करगिल में धूल चटाई
जनवरी 1975 में फतेहाबाद में सिपाही के पद पर राजपूत सेंटर में भर्ती हुआ। ग्वालियर पीस एरिया में जाने के बाद चाईना बॉर्डर अरुणाचल प्रदेश में सेवा दी। श्रीनगर में करगिल में दुश्मनों को धूल चटाई। 2003 में पाकिस्तान बॉर्डर सांभा सेक्टर से सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुआ। मुझे हमारे गांव के भोमियाजी महाराज पर श्रद्धा है कि कभी वे मेरे या मेरे देश पर आंच तक नहीं आने देंगे।
सेवानिवृत सूबेदार मेजर, कालीपहाड़ी #kalipahari jaypahari
सेना में रहकर खेलों में नाम
वर्ष 1987 में सिपाही के पद पर 11 ग्रेनेडियर में भर्ती हुआ। सेना में रहते हुए खेल के क्षेत्र में एथलेटिक्स में शॉटपुट स्पर्धा में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक पदक प्राप्त किए। 4 राष्ट्रीय व 32 बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया। संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी इथोविया में एक वर्ष सेवा दी। सेना में अधिकांश समय सेना की ओर से खेलो में सर्विसेज स्पोट्र्स कंट्रोल बोर्ड की टीम का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व किया। 2015 में सेना से कप्तान के पद से सेवानिवृत्त हुआ। महाराणा प्रताप पुरस्कार भी मिला।
कुल घर 567
जनसंख्या 1650
साक्षरता 70 फीसदी से ज्यादा
रिटायर्ड फौजी 360 से ज्यादा
वर्तमान फौजी 48
कुल फौजी 408 से ज्यादा