गांधी पार्क में करीब दो दर्जन से ज्यादा पेड़ बिना अनुमति के काट दिए गए। काटने वालों का कुछ नहीं बिगड़ा। प्रशासन व पुलिस को लिखित शिकायत दी जा चुकी। खुद सत्ताधारी कांग्रेस के पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन को आइना दिखाने के लिए पेड़ों को श्रद्धांजलि भी दी, लेकिन प्रशासन फाइल को दबाकर बैठ गया। पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की।
दूसरा चेहरा
सैनिक परिवार व उनके बच्चों के रहने के लिए बने छात्रावास व सांझी झत की दीवार से सटकर बीएसएनएल कार्यालय में सफेदे के अनेक पेड़ लगे हुए हैं। एक पेड तो छात्रावास में लगे बिजली के ट्रांसफार्मर के ऊपर आ गया है। एक पेड से दीवार व खिड़कियां टूटने लगी है। एक पेड़ की जड़ों के कारण पानी का टैंक टूट गया। यहां के अधिकारी बीएसएनएल व जिला कलक्टर को अब तक एक दर्जन से ज्यादा पत्र लिख चुके, लेकिन पेड़ों को नहीं कटवाया जा रहा। यहां नियम कानून आड़े आ रहे हैं। सफेदे के पेड़ के कारण कभी भी छात्रावास को नुकसान हो सकता है।
इनका कहना है
बीएसएनएल के कार्यालय में सफेदे के पेड़ बहुत बड़े हैं। यह हमारे छात्रावास के पानी के टैंक को तोड़ चुके। अब दीवार को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बिजली के ट्रांसफार्मर पर भी कभी गिर सकते हैं। पेड़ों के कटवाने के लिए बीएसएनएल और जिला कलक्टर को एक दर्जन से ज्यादा पत्र लिख चुका। लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही।
-हनुमान ङ्क्षसह, प्रभारी सैनिक कल्याण छात्रावास(सांझी छत)