दूल्हे को पता ही नहीं था कि वह आज अपने घर दुल्हन लेकर जाएगा। खुद दुल्हन भी इस बात से अनजान थी कि वह आज ही अपने बाबुल के घर से विदा हो जाएगी। बारातियों को भी बाद में पता चला कि वे बाराती हैं। इस अनूठी शादी का गवाह बना है राजस्थान के झुंझुनूं जिले का बुहाना कस्बा और हरियाणा के भिवानी जिले का गांव बलाली।
जानिए इस अनूठी शादी के बारे में
-बुहाना कस्बे के सुरेश कुमार जांगिड़ ने अपने बेटे अमित कुमार जांगिड़ की सगाई हरियाणा के भिवानी जिला के बलाली गांव की पूजा से कर रखी थी।
-21 जनवरी 2018 को पूजा की गोद भराई की रस्म थी। सुरेश कुमार अपने 7 परिजनों व अमित को लेकर बलाली गांव पहुंचे।
-पूजा की गोद भराई की रस्म चल रही थी। इस दौरान बिना दहेज व शादियों में फिजुलखर्ची पर यूं ही बात होने लगी।
-बातचीत में दोनों परिवारों ने बिना दहेज व कम खर्चे की शादी करने का फैसला ले लिया।
-इससे पहले दोनों परिवारों ने शादी करने का अंतिम फैसला अमित व पूजा पर छोड़ दिया। अमित व पूजा ने भी आपस में बात की और हां कर दी।
-अमित व पूजा की सहमति मिलने पर दोनों के परिजनों ने गोद भराई रस्म कार्यक्रम को शादी में बदल दिया।
-चट मंगनी पट ब्याह वाली कहावत परिचार्थ करने वाली यह शादी राजस्थान व हरियाणा में चर्चा का विषय रही।
-शादी की खास बात यह रही कि अमित के परिजनों ने दहेज ने महज एक रुपया लिया। वो सिर्फ सगुन के तौर पर।
-शादी में अमित की तरफ से उसके पिता सुरेश कुमार, बुहाना के पूर्व सरपंच चंद्रमणि, सुनील जांगिड़, ललीत जांगिड़, रामोतार जांगिड़, भागीरथ जांगिड़ ने शिरकत की।
पढ़े-लिखे हैं दूल्हा-दुल्हन
शादी में बिना दहेज व फिजुलखर्ची रोकने का संदेश देने वाला दूल्हा अमित कुमार जांगिड़ बीटेक तक पढ़ा लिखा है। वहीं दुल्हन पूजा ने बीएससी कर रखी है।
झुंझुनूं जिला राजस्थान में सबसे पढ़े-लिखे जिलों में से एक है। यहां न केवल बेटे बल्कि बेटियों उच्च शिक्षा ले रही हैं। नतीजा ये है कि युवाओं की सोच में बदलाव आ रहा है। शादी में दहेज नहीं लेना, पैसों की बर्बादी रोकने से जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
बुहाना के अमित कुमार जांगिड़ से पहले झुंझुनूं के सवाई सिंह भूरिया के इकलौटे बेटे शैलेष व डूमोली खुर्द के दयाराम मेघवाल की बेटी सुषमा ने भी ऐसे ही शादी की थी। इनकी शादी भी सगाई समारोह के दौरान ही हो गई थी।