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झुंझुनू

Jhunjhunu News: कांग्रेस की प्रधान इंद्रा डूडी को कई कांग्रेस सदस्यों का नहीं मिला साथ, फिर भी बची कुर्सी

झुंझुनूं जिले की चिड़ावा पंचायत समिति प्रधान इंद्रा डूडी की कुर्सी का फैसला हो गया है। इंदिरा डूडी ( Chirawa Pradhan Indira Dudi ) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव केवल एक वोट से गिर गया।

झुंझुनूJul 19, 2024 / 03:50 pm

Santosh Trivedi

indra dudi pradhan chidawa
Jhunjhunu News: चिड़ावा पंचायत समिति प्रधान इंद्रा डूडी के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गुरुवार को एक वोट से गिर गया। अब प्रधान की कुर्सी पर डूडी ही कायम रहेंगी। अविश्वास प्रस्ताव को पारित करने के लिए 21 में से 16 सदस्यों की जरूरत थीं। इसके लिए 16 सदस्यों की बाड़ाबंदी भी की गई थी, लेकिन उनमें से 15 सदस्य ही प्रधान के खिलाफ वोटिंग के लिए पहुंचे। खुद प्रधान डूडी का वोट प्रस्ताव के खिलाफ में रहा। पांच सदस्य अनुपस्थित रहे। इससे प्रधान की कुर्सी बची रह गई।
प्रधान इंद्रा डूडी कांग्रेस से हैं। इसके बावजूद छह कांग्रेस के सदस्यों ने इंद्रा डूडी के खिलाफ वोट किया। इसके अलावा दो भाजपा के और सात निर्दलीय सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव का पक्ष लिया। यहां तक कि कांग्रेस के ही उप प्रधान विपिन नूनियां ने भी डूडी के खिलाफ वोट किया।
उधर भाजपा नेता बबलू चौधरी की पत्नी मधु चौधरी अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं हुईं। इस पर सदस्यों की बाड़ाबंदी करने वाले पंस सदस्य रोहिताश्व धांगड़ ने आरोप लगाया कि जब भाजपा वाले ही कांग्रेसी प्रधान को बचाएंगे तो फिर कैसे काम चलेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले से भाजपा शीर्ष नेतृत्व को अवगत करवाया जाएगा।
9 को रखी थी अविश्वास प्रस्ताव की मांग

प्रधान के खिलाफ सात जुलाई को बाड़ाबंदी शुरू की गई और नौ जुलाई को सात सदस्यों ने जिला परिषद सीईओ को मांग पत्र सौंपकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस पर सीईओ ने 18 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक तय की।
एक की तबीयत बिगड़ी

पंचायत समिति सदस्य शीला देवी की अविश्वास प्रस्ताव के दौरान तबीयत खराब हो गई। उसे एंबुलेंस में उप जिला अस्पताल ले जाया गया।

यह पहुंचे चर्चा के लिए

प्रधान के खिलाफ विपक्ष को अविश्वास पारित करने के लिए सदस्यों को 12 बजे तक पंचायत समिति पहुंचाना था। निर्धारित समय तक विपक्ष में वार्ड 2 से अनिल रणवा, वार्ड 3 से रोहिताश्व धांगड़, वार्ड 4 से उम्मेद सिंह, वार्ड 5 से सुधा, वार्ड 6 से अनिता, 7 से विपिन नूनिया, 8 से रामवतार गुरावा, 9 से ख्यालीराम सैनी, 11 से बसेसरी देवी, 15 से अंजू देवी, 16 से उम्मेद धनखड़, 17 से शीला देवी, 19 से विजय कुमार, 20 से सुमन और वार्ड 21 से पिंकी पहुंच पाए। बैठक में प्रधान डूडी भी उपस्थित रहीं।

उप प्रधान ने लगाया हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप

कांग्रेस के विपिन नूनियां ने प्रधान डूडी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधान ने धनबल, बाहुबल, आईएएस पुत्र, आईपीएस पुत्रवधु होने का फायदा उठाया। जो लोग प्रस्ताव लेकर आए उनकी लोकेशन ट्रेस की और उनको वहां से उठवाना, हॉर्स ट्रेडिंग के आधार पर प्रधान अपनी कुर्सी बचाने में सफल रही। उन्होंने प्रधान पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया। साथ ही कहा कि यह केवल प्रधान का विरोध था, वह हमेशा कांग्रेस के साथ रहेंगे।

गुजरात, जयपुर, उदयपुर में बाड़ाबंदी

बाड़ाबंदी के दौरान सदस्यों को लेकर सीकर होते हुए जयपुर ले जाया गया। जहां से उनको उदयपुर, अहमदाबाद भेजा गया। वहां से फिर उदयपुर लाया गया। कुछ सदस्य बीच में जयपुर में भाजपा नेतृत्व से मिलने भी गए। सभी सदस्य रात को रवाना होकर जयपुर आए। वहां से पांच गाड़ी में सुबह पंचायत समिति पहुंचे।

माता की तबीयत खराब बता कर गया एक सदस्य

पंस सदस्य रोहिताश्व धांगड़ ने बताया कि बाड़ाबंदी में एक सदस्य की माता की तबीयत खराब होने पर वह घर चले गए। वहीं पर उसे दबाव में लेकर विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ कर दिया गया।

पुलिस जाब्ता रहा मौजूद

पंचायत समिति सभागार में सुबह दस बजे से उपखंड अधिकारी बृजेश गुप्ता की अध्यक्षता में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। इसमें प्रधान समेत 16 सदस्य शामिल हुए। सभी सदस्यों से हाथ उठवाकर अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मत जाना गया तो 15 सदस्यों ने प्रधान डूडी के खिलाफ हाथ खड़ा किया। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव गिरने का नोटिस चस्पा कर दिया गया। प्रधान डूडी के समर्थकों ने मिठाई बांटकर जश्न मनाया। इस दौरान डीएसपी विकास धींधवाल, सीआई विनोद सामरिया, चौकी प्रभारी बलवीर चावला के नेतृत्व में पुलिस जाब्ता तैनात रहा।

ईमानदारी का साथ मिला

अविश्वास प्रस्ताव के बाद प्रधान इंद्रा डूडी ने कहा कि जिस दिन अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, उसी दिन वह मां पीतांबरा देवी के चली गई थी। उसे पित्रेश्वरों और देवी-देवताओं पर पूरा भरोसा था। ईमानदारी पर ही मुझे सदस्यों का साथ मिला है। जिन्होंने मेरे खिलाफ वोट दिया है, उनको भी मैं दोषी नहीं मानती। किसी मजबूरी या दबाव के कारण वे ऐसा कर रहे होंगे।

यह रहे अनुपस्थित

वार्ड 10 से बनारसी देवी, 12 से मधु, 13 से भरत सिंह, 14 से अमित ओला और वार्ड 18 से प्रमोद अनुपस्थित रहे।

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