1990-91 में संसदीय मामलों के केंद्रीय उपमंत्री रहे धनखड़ (68) ने 2003 में कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा के सदस्य बन गए। वह केशरीनाथ त्रिपाठी का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल अगले सप्ताह के अंत में समाप्त हो जाएगा।
झुंझुनूं जिले के किठाना गांव निवासी जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया है। उनके राज्यपाल बनने के बाद पैतृक गांव समेत पूरी शेखावाटी में जश्न मनाया गया।
उपखंड मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर किठाना गांव में शनिवार को हर कोई अपने-आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा था। गांव में मिठाई बंट रही थी तो लोग एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे।
दरअसल, देश के जाने माने वकील और जनता दल के पूर्व सांसद जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया। वे केशरीनाथ त्रिपाठी का स्थान लेंगे। जिनका 23 जुलाई, 2019 को कार्यकाल पूरा हो रहा है।
धनखड़ का जन्म चिड़ावा तहसील के किठाना गांव में 18 मई 1951 को गोकुलराम धनखड़ के घर हुआ। धनखड़ की प्रारंभिक शिक्षा गांव की ही सरकारी स्कूल में हुई। जिसके बाद उच्च शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय से पूरी की। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी की। जिसके बाद वे वकालत करने लगे। उधर, धनखड़ के राज्यपाल बनने पर झुंझुनूं जिले में खुशी की लहर दौड़ गई।
जन्म-18 मई 1951
गांव-किठाना(चिड़ावा)
1986 में बने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष।
1989 में जनता पार्टी की टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता।
21 अप्रेल, 1990 से पांच नवंबर 1990 तक केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री।
1991 में कांग्रेस के टिकट से किशनगढ़ से चुनाव लड़ा। मगर हार गए।
1993 में अजमेर जिले के किशनगढ़ से विधानसभा के सदस्य रहे।
गवर्नर—————राज्य
आनंदीबेन पटेल—-उत्तर प्रदेश
जगदीप धनखड़—–पश्चिम बंगाल
लालजी टंडन—–मध्यप्रदेश
रमेश बैस——–त्रिपुरा
आर.एन. रवि—–नगालैंड
फागू चौहान——-बिहार