जवाब: निरंतर मेहनत कर रही हूं। ईश्वर ने साथ दिया और देशवासियों की दुआ रही तो अच्छा ही परिणाम आएगा।
जवाब: मैंने वर्ष 2014 में इंचियोन (साउथ कोरिया) में आयोजित एशियन गेम्स में 60.47 मीटर हैमर थ्रोकर कांस्य पदक जीता था।
सवाल: आगे की तैयारी?
जवाब: पहले मैंने पटयाला तैयारी की, अब जयपुर कर रही हूं।
जवाब: खेलों के साथ पढाई भी करें। जो सपना पालो उसके लिए उतनी ही मेहनत जरूरी है। मेहनत लम्बे समय तक करनी पड़ेगी। ईमानदारी से समय देना पड़ेगा। सफलता के पीछे लम्बा संघर्ष होता है।
जवाब: देसी दूध, छाछ व घी खाओ। बाजार की खाद्य सामग्री से दूरी बनाकर रखो। फल खाएं और ड्राई फू्रट्स भी लें। नेचूरल खानपान से खिलाड़ी लम्बे समय तक फिट रह सकता है।
जवाब: पीहर चूरू जिले के राजगढ़ के पास चांदगोठी में है, जबकि ससुराल पिलानी के पास लाडूंदा में है। दोनों ही जगह से मुझे पूरा सहयोग मिलता है। #manju bala swami jhunjhunu
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जानिए क्या है कॉमनवेल्थ
कॉमनवेल्थ खेल की शुरुआत वर्ष 1930 में हुई थी। यह हर चार साल बाद होते हैं। पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में 71 देशों के खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया था। वर्ष 2010 में नई दिल्ली में कॉमनवेल्थ खेल हुए थे। इनको राष्ट्रमंडल खेल भी कहते हैं।