शहर से करीब दस किलोमीटर दूर छोटा सा गांव लालपुर। यहां सरकारी विद्यालय बारहवीं तक है, लेकिन भवन एकदम जर्जर। बरसात में हर समय गिरने का डर। बच्चों के लिए नए भवन के लिए स्टाफ ने पहल कर 51 हजार रुपए एकत्रित कर दिए। इसकी जानकारी जब ग्रामीणों को मिली तो अपने बच्चों के भविष्य के लिए वे कब पीछे हटने वाले थे। पूरे गांव में मीटिंग हुई। तय हुआ गांव का हर परिवार अपनी क्षमता के अनुसार विद्यालय के विकास के लिए राशि देगा। किसी ने सौ रुपए दिए तो किसी ने पांच लाख रुपए जेब से निकालने में बिल्कुल भी संकोच नहीं किया। हर ग्रामीण ने इसमें सहयोग किया। देखते-देखते यह राशि 41 लाख को पार कर गई। अब सोमवार को विद्यालय के स्टाफ व ग्रामीणों ने जिला कलक्टर रवि जैन के माध्यम से यह राशि समसा के एडीपीसी को प्रदान कर दी।
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यह कार्य होंगे
यह राशि मुख्यमंत्री जन सहभागिता योजना के तहत समसा को दी गई है। इस योजना में चालीस प्रतिशत राशि देने पर साठ प्रतिशत राशि योजना के तहत राज्य सरकार देती है। राज्य सरकार व ग्रामीणों की कुल राशि करीब एक करोड़ रुपए से ज्यादा की हो जाएगी। इस राशि से स्कूल में 12 नए कक्षा कक्ष तथा एक हॉल का निर्माण करवाया जाएगा। प्रधानाचार्य सुमन भडिय़ा ने बताया कि गांव के मदन लाल जांगिड़, सरपंच गिरधारी लाल स्वामी व नेतराम लालपुरिया सहित पूरे गांव के व्यक्ति घर-घर गए और सभी से राशि एकत्रित की। इसके अलावा शिक्षक प्रमोद लालपुरिया, मनीराम लाम्बा, प्रभुदयाल लाम्बा, डॉ अशोक शर्मा व नरेन्द्र नूनिया ने विशेष सहयोग किया। रघुनाथपुरा देरवाला निवासी सुमन ने बताया कि इससे पहले वह देरवाला स्कूल में थी, वहां भी करीब तीस लाख रुपए से विकास कार्य करवाए। मंडावा के पास खालासी की रहने वाली सुमन के पति विजय कुमार सदीनसर में प्रधानाध्यापक हैं।
विद्यालय एक नजर में
-राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लालपुर
-नामांकन: 220
-दसवीं का परिणाम 2018: 100 प्रतिशत
-बारहवीं का परिणाम 2018: 100 प्रतिशत
-12 वीं में विषय-भूगोल, राजनीति विज्ञान,हिन्दी और इतिहास
-हैण्डबाल में जिला चैम्पियन
-छह खिलाडी स्टेट में चयनित
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इनका कहना है
दो वर्ष पहले विद्यालय में आई थी, तब पहले दिन जर्जर भवन देखा तो सपना संजोया कि यहां भवन नया बनवाएंगे। पूरे स्टाफ के साथ सभी ग्रामीणों ने सहयोग किया तो राशि एकत्रित हो गई। परीक्षा परिणाम भी श्रेष्ठ रखेंगे। नामांकन बढ़वाएंगे।
-सुमन भडिय़ा, प्रधानाचार्य
-मदन लाल जांगिड़, रिटायर्ड फौजी
-डॉ अशोक कुमार शर्मा, व्याख्याता अंग्रेजी