प्रदर्शन करने वालों ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने महिला का दाह संस्कार घरों के मुख्य गेट के सामने कर दिया।ऐसा करने से रोकने पर लोगों ने उनके साथ अभद्रता की।उन्होंने बताया कि लगभग 50 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है।जबकि पूर्व में मृतका के परिजनों ने पूर्व में परिवार के सदस्य की मौत होने पर उसका दाह संस्कार सैलाणा जोहड़ के उत्तरी पूर्वी छोर पर किया था।लोगों ने बताया कि घटना के बाद में महिला व बच्चों में भय का माहौल बना हुआ है।ज्ञापन देने वालों में मदनलाल मेघवाल, कैलाश कुमार, कमलेश कुमार, नरेश मेघवाल, अंजू, कमला, राजकला, पूनम देवी, सविता, सुभाष, ओंकार आदि उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि मामले को लेकर दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज कराया गया है।