वे रविवार को पिलानी कस्बे स्थित
बिट्स के दीक्षांत समारोह के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसरो प्राइवेट कंपनियों को अपनी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर रहा है। अब तक करीब चार सौ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की जा चुकी है। एक नई स्पेस डेटा पॉलिसी के तहत देश-विदेश में स्टार्टअप और कंपनियां मददगार साबित हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में स्पेस टेक्नोलॉजीज करार के तहत कम्पनियों को ट्रांसफर की गई हैं। अंतरिक्ष में नकारा उपकरणों की संख्या बढ़ गई है। जो कि अब (डेब्रीज) नकारा सामान मुश्किल बन चुके हैं। इसरो इस प्रकार के कचरे को दूसरे देशों के साथ मिल कर उन्हें ट्रैक कर हटाने की दिशा में काम कर रहा है।
विदेशों से कार्यरत भारतीय वैज्ञानिकों को देश में मौका देने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी बात है कि भारतीय लोग विदेशों में बड़ी कंपनियों में सीईओ जैसे बड़े पदोंं पर काम करते हुए देश का नाम रोशन कर रहे हैं। मगर हमारे यहां और अच्छे संस्थान बनाने होंगे। जहां हमारे देश के वैज्ञानिक जो विदेशोंं में काम कर रहें है उन्हें मौका मिल सके। हालांकि विदेशों में उन्हें अच्छा पैकेज मिल रहा है।