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झुंझुनू

किराना की दुकान चलाने वाले का बेटा बना डॉक्टर, इस संघर्षभरी कहानी को पढ़कर नहीं रोक पाएंगे आसूं

National Doctors Day 2024: डॉक्टर्स को यूं ही धरती का भगवान नहीं कहा जाता है। स्टूडेंट लाइफ से लेकर डॉक्टर बनने तक कड़ी मेहनत कर माता-पिता के सपनों को पूरा कर डॉक्टर बने और अब मरीजों की सेवा कर उनका जीवन बचा रहे हैं।

झुंझुनूJul 01, 2024 / 02:27 pm

Akshita Deora

जितेन्द्र सिंह

National Doctors Day 2024: डॉक्टर्स को यूं ही धरती का भगवान नहीं कहा जाता है। स्टूडेंट लाइफ से लेकर डॉक्टर बनने तक कड़ी मेहनत कर माता-पिता के सपनों को पूरा कर डॉक्टर बने और अब मरीजों की सेवा कर उनका जीवन बचा रहे हैं। डॉक्टर्स के किए गए सेवा कार्यों और किन परिस्थितियों में मेहनत कर डॉक्टर बनने जैसे मुकाम पर पहुंचे। पेश है कुछ कठिन परिस्थितियों में तैयारी कर माता-पिता के सपनों को पूरा डॉक्टर बनकर अन्य को प्रेरणा दे रहे हैं।
झुंझुनूं शहर में शाहों के कुएं के पास रहने वाले अभिनेष के भी डॉक्टर बनने की कहानी संघर्षभरी है। डॉ. अभिनेष कुमावत के पिता रामस्वरूप कुमावत छोटी सी दुकान में किराणा का सामान बेचकर अपने परिवार का पेट पालते थे। पिता को संघर्ष करते देख अभिनेष ने डॉक्टर बनने की ठानी। बेटे के डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए पिता ने हामी भर दी। तैयारी कर आयुर्वेद विशेषज्ञ बने।
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आज अभिनेष राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में बतौर बीएएमएस, एमडी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मधुमेह रोगियों के इलाज को लेकर इनका विशेष र्ट्रायल भी चल रहा है। अभिनेष अपने भाई बंटी, अविनाश और बहन पूनम से छोटे हैं।

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