एसएपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि 31 मार्च की रात रिटायर्ड पोस्टमास्टर भानाराम जाट के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पड़ताल में भानाराम की पुत्रवधू मंजू की भूमिका संदिग्ध नजर आई तो उससे पूछताछ की गई। पूछताछ में सामने आया कि मंजू के करीब 25 साल से मृृतक भानाराम से अवैध संबंध थे। दस साल पहले मंजू की जान-पहचान निजामपुर निवासी और हरियाणा के नारनौल में रह रहे तांत्रिक मानसिंह उर्फ फौजी जाट से कोटपुतली में हुई। दोनों में प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। इस बात का पता रिटायर्ड पोस्टमास्टर भानाराम को चल गया। इस पर वह पुत्रवधू मंजू को टोकने लग गया।
भानाराम के टोकने से खफा मंजू ने प्रेमी मानसिंह, उसके सहयोगी चचार्ची, ओबरा (औरंगाबाद ) निवासी जितेंद्र उर्फ विजेंद्रसिंह कांदुवास के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। उन्होंने दो शूटर अमित कुमार व छोटू को 31 मार्च की रात बुलाकर भानाराम की देसी कट्टे से गोली मरवाकर हत्या करा दी। पुलिस अब दोनों शूटरों को पकडऩे के लिए अलग-अलग राज्यों में दबिश दे रही है।
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योजना के अनुसार मानसिंह बिहार गया और वहां पर अपने सहयोगी जितेंद्र उर्फ विजेंद्र के माध्यम से दो शूटरों अमित कुमार व छोटू को देसी कट्टे के साथ भालोठ लेकर आ गया। दोनों शुटरों ने भानाराम की गोली मारकर हत्या कर दी और फरार हो गए। जिसके बाद पुलिस ने चार राज्यों में दबिश दी। मामले में गठित पुलिस टीम ने हरियाणा, यूपी, औरंगाबाद, बिहार में अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया।