सवाल- पोस्टमार्टम हुआ की नहीं?
घटनाक्रम में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि राजकीय भगवान दास खेतान अस्पताल में रोहितास का पोस्टमार्टम हुआ कि नहीं। अगर पोस्टमार्टम हुआ है तो वह जिंदा कैसे हो गया? अगर पोस्टमार्टम नहीं हुआ है तो पोस्मार्टम किया गया, यह कैसे मान लिया गया? अस्पताल में रात तक इसका जवाब देने से जिम्मेदार बचते रहे। यह भी बताया जा रहा है कि बिना पोस्टमार्टम के ही कह दिया गया हो कि पोस्टमार्टम हो गया, मरीज को ले जाओ। जिस अस्पताल के डॉक्टरों ने युवक मृत माना। अब उसी अस्पताल में उसका उपचार चल रहा है। मरीज की हालात भी सामान्य बताई जा रही है।Rajasthan : जिंदा आदमी का किया पोस्टमार्टम, डीप फ्रीजर में रखा, दाह संस्कार के लिए चिता पर लेटाया तो चलने लगी सांसें
PM रिपोर्ट में मौत का कारण भी लिखा
झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में जिंदा आदमी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. नवनीत ने बनाई थी। पत्रिका को मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट नम्बर 223 के पहले पेज पर 1.50 मिनट पर मौत होना बताया गया है। वहीं नीचे की तरफ अंतिम कॉलम में रिमार्क ऑफ मेडिकल ऑफिसर में डॉक्टर की ओपीनियन लिखी हुई है। इसमें फेफडे फेल होना तथा सीओपीडी या टीबी की बीमारी से मौत होना बताया गया है। रिपोर्ट पर डॉ. नवनीत के हस्ताक्षर हैं व उसके नीचे मेडिकल ज्यूरिस्ट की सील भी लगी हुई है। इस बारे में डॉक्टरों का पक्ष लेना चाहा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।कलक्टर से पत्रिका के सवाल-जवाब
सवाल- मृत किसने घोषित किया, पोस्टमार्टम किसने किया?जवाब- इसके लिए तहसीलदार, पीएमओ व समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक के नेतृत्व में टीम गठित की है। रिपोर्ट के बाद तीन चिकित्सकों को निलंबित कर दिया है।
जवाब- वह विमंदित है। बोल व सुन नहीं सकता। वह विमंदितों के लिए संचालित संस्थान बगड़ में था। सवाल- किसी के खिलाफ कार्रवाई की गई है?
जवाब- उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गई थी। इसके बाद पीएमओ सहित तीन चिकित्सकों को निलंबित कर दिया गया है।
जवाब- मैंने मौके पर मौजूद तहसीलदार से रिपोर्ट ली है। उसकी बीपी चल रही है। वह स्वस्थ है। इलाज चल रहा है।