झालावाड़

सड़कों की ऐसी हालत कि लोग गांव तक कार भी नहीं ले जा पा रहे

पिछले एक वर्ष से गांव भगवानपुरा में कोई लक्जरी वाहन नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में कई बार वाहन चालक वाहनों को डोबड़ा में खड़े कर अन्य वाहनों से भगवानपुरा पहुंचते है।

झालावाड़Jan 18, 2025 / 11:59 am

jagdish paraliya

पूरे 7 किलोमीटर सड़क में डामर का नामोनिशान तक नहीं बचा है। कई स्थानों पर तो गिट्टी तक नहीं होने से हल्की बारिश होते ही यहां से गुजरने वाले वाहन सड़क पर मिट्टी में धंस जाते है जिन्हें ग्रामीणों की मदद से ट्रैक्टर से निकाला जाता है। फिलहाल पिछले एक वर्ष से गांव भगवानपुरा में कोई लक्जरी वाहन नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में कई बार वाहन चालक वाहनों को डोबड़ा में खड़े कर अन्य वाहनों से भगवानपुरा पहुंचते है।

खानपुर उपंखड क्षेत्र के मेगा हाइवे से डोबड़ा व भगवानपुरा ग्राम पंचायत मुख्यालय तक करीब 7 किलोमीटर तक जर्जर व बदहाल सड़क से ग्रामीणों को लंबे समय से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के हालात ऐसे है कि मेगा हाइवे से महज 7 किलोमीटर दूर भगवानपुरा पंचायत मुख्यालय तक जाने में आधे घण्टे से भी अधिक का समय लग रहा है।
पूरे 7 किलोमीटर सड़क में डामर का नामोनिशान तक नहीं बचा है। कई स्थानों पर तो गिट्टी तक नहीं होने से हल्की बारिश होते ही यहां से गुजरने वाले वाहन सड़क पर मिट्टी में धंस जाते है जिन्हें ग्रामीणों की मदद से ट्रैक्टर से निकाला जाता है। फिलहाल पिछले एक वर्ष से गांव भगवानपुरा में कोई लक्जरी वाहन नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में कई बार वाहन चालक वाहनों को डोबड़ा में खड़े कर अन्य वाहनों से भगवानपुरा पहुंचते है।

यहां अतिक्रमण बन रहा बाधा

गांव डोबड़ा गांव में तो उच्च माध्यमिक विद्यालय के सामने अतिक्रमण के चलते दो दशक से आज तक सड़क का निर्माण ही नहीं हो पाया। ऐेसे में महज 100 मीटर के रास्ते को पार करने के दौरान कई वाहनों के चेम्बर तक फूट गए।

बाढ़ में उखड़ गई सड़क व पुलिया

भगवानपुरा तक बीच रास्ते में बनलेरपटों व पुलियाओं पर पत्थर तक उखड़कर बाढ़ के पानी बह गए। जिनमें ग्रामीणों द्वारा खेतों से मिट्टी खोदकर गड्ढों को पाटकर आवागमन बहाल किया गया है। क्षेत्र की बड़ी पंचायत मुख्यालय होने से इन पंचायतों से भोजूखेडी, रामपुरा, सिंगोला, खुंजा, सुवालिया, आलनपुर, मेहन्दडी सहित आसपास के करीब एक दर्जन से अधिक गांव जुड़े हुए हैं। ऐसे में हजारों की संख्या में ग्रामीणों को पिछले कई वर्षो से सड़क के अभाव में परेशानियां झेलनी पड़ रही है।

सुनवाई ही नहीं हो रही

भगवानपुरा व आसपास के गांवों में बीमार होने या महिलाओं के प्रसव के दौरान उन्हें वाया जोलपा-सूमर होकर 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना खानपुर पहुंचना पड़ रहा है। ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार सड़क की मांग को लेकर निर्माण विभाग के अभियंताओं से लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है लेकिन हालात ज्यों के त्यों बने हुए है।

नए सिरे से हो निर्माण

डोबड़ा ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष व पूर्व सरपंच मनोज नागर ने बताया कि पिछले माह मेगा हाइवे से डोबड़ारोड़ पर महज एक किलोमीटर लंबाई में घटिया पेचवर्क कर इसे भी अधूरा छोड़ दिया। जबकि सड़क जर्जर होने से पेचवर्क के बजाय नये सिरे से निर्माण की आवश्यकता है।
तकनीकी कारणों व पेच की गुणवत्ता जांच नहीं होने के कारण पेचवर्क बन्द कर दिया था। अब क्वालिटी जांच के बाद ठेकेदार द्वारा नये सिरे से पेचवर्क प्रारंभ किया जाएगा।

विजयसिंह मीणा, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग

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