जिले के छोटी सुनेल निवासी रानी (24) पत्नी अर्जुन को शाम को भर्ती करवाया था। परिजन फूलसिंह ने बताया कि रानी को शाम को 7 बजे भर्ती करवाया था। डॉक्टरों ने बोला की ऑपरेशन होगा,हमने कहा कि ठीक है ऑपरेशन होगा तो कर दो। ऑपरेशन के बाद बालिका हुई। बालिका को आईसीयू में भेज दिया। लेकिन प्रसूता को 2-3 ब्लड की बोतल चढ़ा दी। फिर भी चढ़ाते जा रहे थे। पता नहीं उसकी कोई नस कटने से ब्लड नहीं रूका या क्या हुआ। जब सुबह उसके पापा उससे मिलने गया तो उसने कहा कि मेरा जी घबरा रहा। थोड़ी देर बाध उसे होंस नहीं रहा उसकी मौत हो गई। डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ उसकी छाती दबाते रहे, लेकिन उसके प्राण वापस नहीं आए।
पति ने की कार्रवाई की मांग- महिला के पति अर्जुन कुमार मेघवाल ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि रविवार शाम को उसकी पत्नी को भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन के बाद उसकी पत्नी रानी बाई की तबियत खराब होती चली गई। महिला डॉक्टरों ने लापरवाही से ऑपरेशन किया, इससे अधिक ब्लड निकलने से उसकी मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए डॉक्टर व संबंधित स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जनाना चिकित्सालय में मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। उसके बाद एसआरजी पुलिस चौकी में शिकायत देने के बाद शव को मोर्चरी में रखवाया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा। रैफर होकर आई थी-
महिला की रात को सिजेरियन डिलेवरी की गई। डॉ. जयश्री मीणा ने ऑपरेशन किया था। महिला कहीं से रैफर होकर आई थी, बच्चा बहुत ज्यादा घबराया हुआ था, इसलिए ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन भी अच्छा हुआ। बच्चे का वजन 2.5 केजी था। महिला को सुबह अचानक घबराहट हुई और उसकी मौत हो गई। डॉक्टर व अन्य स्टाफ ने सीपीआर व जीवनरक्षक दवाइयां दी। लेकिन महिला नहीं बच पाई। ब्लडिंग की वजह से मौत हुई हो ऐसा नहीं है। अब कारण तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। डॉ.ऋतु गुप्ता, यूनिट हैड़, जनाना चिकित्साल,झालावाड़।