गौरतलब है कि तालाब पेटे की जमीन को लेकर पूर्व में भी शुक्ला को निलंबित किया जा चुका है, फिर से उसी मामले में निलंबित किया गया। शुक्ला हाई कोर्ट की डबल बैंच से जनवरी 2023 में स्टे लाए थे। लेकिन स्वायत शासन विभाग के निदेशक ने जिला कलक्टर से जांच करवाकर फिर से 13 जून को निलंबित कर दिया।
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कलक्टर ने इस शिकायत के विषय में आयुक्त नगर परिषद झालावाड़ से तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त कर विभाग को प्रेषित की थी। इसके बाद विभागीय स्तर पर रिपोर्ट की जांच करने के बाद सभापति संजय शुक्ला को सक्षम स्तर से अनुमोदन के बाद राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा-39(1) के तहत अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए 2 जून को नोटिस जारी किया गया, लेकिन शुक्ला ने इसका जवाब 5 जून को पेश किया, इसके बाद निलंबन की कार्रवाई की गई।
निलंबन के पीछे ये है वजह-
विभाग द्वारा की गई जांच में शुक्ला द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के पास पेटा तालाब भूमि पर अवैध कॉलोनी काटकर श्रीनाथजी भंडार समिति के स्वामित्व की भूमि खसरा संख्या 1598 पर अनधिकृत तरीके से कब्जा कर रोड निर्माण का कार्य करवाया जबकि इसकी अनुमति कहीं से भी नहीं ली गई।
इसके अतिरिक्त शुक्ला द्वारा खसरा संख्या 1530 जो खाता सरकार की भूमि है पर अतिक्रमण कर सीसी रोड का निर्माण करवाया गया। शुक्ला द्वारा सभापति पद पर रहते हुए अन्य खातेदारों के साथ खसरा संध्या 1531 से 1537 में अवैध रुप से आवासीय कॉलोनी विकसित की गई जो कि वर्तमान में विवादग्रस्त है।
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आयुक्त नगर परिषद झालावाड़ की रिपोर्ट अनुसार उक्त भूमि श्रीनाथ भंडार के नाम है जिस पर अवैध रूप से सीसी रोड का निर्माण करवाया गया। इस पर सभापति के खिलाफ राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत उक्त आचरण पर अधिनियम की शक्तियों को प्रयोग करते हुए सभापति नगर परिषद झालावाड़ के सदस्य एवं सभापति के पद से तुरंत प्रभाव से निदेशक हृदेश कुमार शर्मा ने निलंबित कर दिया।
सरकार का तानाशाही रवैया, हाईकोर्ट जाऊंगा
एक ही केस में मुझे दो-दो बार निलंबित किया गया है। जो समय दिया गया था, तय समय में नोटिस का जवाब दिया गया है। सरकार का तानाशाही रवैया है। मैं हाईकोर्ट जाऊंगा। एक ही केस में दो बार सजा थोड़ी हो सकती है।- संजय शुक्ला, सभापति नगर परिषद, झालावाड़