शनिवार को संवाददाता गौशाला पहुंचा तो परिसर और आसपास आधा दर्जन से अधिक गायें मृत पड़ी थी। वहीं ठेके पर लगाए कर्मचारी रमेश और आजार सांसरी ने बताया कि वह प्रतिदिन मृत गायों को फैंकने ले जाते हैं। एक माह में 50 से अधिक मृत गायों को फैंककर आ चुके हैं।
कीचड़ में विचरण गौशाला में करीब 300 से 400 गायें हैं, जो खुले आसमान व घुटनों तक भरे कीचड़ में विचरण करती हैं। कमजोर गायों और बछड़ों को अन्य गायें सींगों से गिराकर घायल कर देती है। घायल होने के बाद गाय की मौत हो जाती है। रही कसर बारिश पूरी कर देती है। गायों को एक साथ चारों और से कवर्ड शेड में बन्द करने से दम घुटने से मौत हो जाती है। गौशाला में पर्याप्त शेड नहीं हैं।
लोगों में नाराजगी लोगों ने बताया कि गौशाला पंजीकृत है और सरकार की और से प्रत्येक गाय के रख-रखाव के लिए रुपए भी दिए जाते हैं, इसके बाद भी यहां की स्थित बदतर है।
श्रीकृष्णानंद गौशाला समिति अध्यक्ष नन्दकिशोर मेहता का कहना है कि श्री कृष्णानन्द गौशाला की नई संचालन समिति बनाई जाएगी।
करंट फैलने से केरडे की मौत झालरापाटन. श्रीकृष्ण गौशाला के सामने शनिवार सुबह कंरट फैलने से केरडे की मृत्यु हो गई। गौशाला के सामने हाथीखाना की चारदीवारी के अंदर ट्रांसफॉर्मर से कुछ लोगों ने आंकड़े डालकर अवैध कनेक्शन ले रखे हैं। बिजली की लाइन के तार जगह जगह से कटे हैं। वर्षा के कारण जगह गीली होने से करंट फैल गया। इससे श्रद्धालुओं द्वारा इस जगह चारादान करने के लिए डाले जाने वाले चारे को खाते समय गौशाला का केरडा करंट की चपेट में आने से मौके पर ही मर गया। गोशाला अध्यक्ष घनश्याम आचार्य ने
जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को घटना की सूचना दी। इसके बाद सहायक अभियंता एके मंगा के निर्देश पर कनिष्ठ अभियंता सुनील महावर ने कर्मचारियों के साथ पहुंचकर अवैध डाल रखे तार हटाए।