ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि झालावाड़ में सहकारी समितियां के उप रजिस्ट्रार राय सिंह मोजावत और झालरापाटन में पदस्थापित तहसीलदार उनकी पत्नी तहसीलदार अस्मिता सिंह के खिलाफ लम्बे समय से शिकायतें आ रही थी।
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फर्जी रजिस्ट्री का उठा था मामला
एसीबी के अनुसार झालरापाटन तहसील में भीलवाड़ा के एक व्यक्ति की कूट रचित तरीके से खेत की जमीन की रजिस्ट्री किसी अन्य व्यक्ति के नाम करने का मामला सामने आया था। इसमें झालरापाटन तहसीलदार अस्मिता सिंह की भूमिका संदिग्ध थी। जिला कलक्टर भारती दीक्षित ने 17 अप्रेल झालरापाटन तहसीलदार अस्मिता सिंह से दस्तावेजों के पंजीयन का अधिकार छीन लिया था।
मिली ये संपत्ति
– जयपुर, उदयपुर और झालावाड़ में तीन आवासीय मकान और छह भूखण्ड
– झालावाड़ शहर में फार्म हाउस
– कोटा में दरा के पास पुरानी हवेली आमझार पैलेस
– कुम्भलगढ़ में सवा छह बीघा जमीन मिली। रिश्तेदारों के नाम कई बेनामी सम्पत्तियों के मूल दस्तावेज बरामद हुए।
– तलाशी में 315 ग्राम सोने के आभूषण, 44 हजार रुपए नकद, बैंक में 12 लाख जमा राशि और दो लॉकर मिले हैं।
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भूमि रुपांतरण की फाइलें रोक रखी थी
सूत्रों ने बताया कि तहसीलदार ने तहसील में भूमि रुपांतरण और नामांतरण से सम्बंधी अनेक फ ाइलों को रोक रखा था। मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल होने से रजिस्ट्री से जुड़ी जानकारी नहीं मिल पाई। ऐसे में एसीबी ने रजिस्ट्रार कार्यालय को सीज कर दिया है।