9 अक्टूबर को आचार संहिता लगने से लेकर चुनाव प्रचार का शोर थमने तक कुल 38 दिनों में झाबुआ जिले की तीनों विधानसभा में 25 प्रत्याशियों ने अपने प्रचार पर 1 करोड़ 8 लाख 88 हजार 221 रुपए खर्च कर दिए। इसमें भी कांग्रेस प्रत्याशी आगे रहे हैं। सरकार नहीं होने के बावजूद तीनों विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशियों ने कुल 45 लाख 67 हजार 35 रुपए अपने चुनाव प्रचार में लगाए।
वहीं भाजपा के तीनों प्रत्याशियों का कुल खर्च 32 लाख 42 हजार 832 रुपए हुआ है। इसमें अभी 14 नवंबर को झाबुआ के गोपालपुरा हवाई पट्टी पर हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा का हिसाब जुडऩा बाकी है। इस सभा में झाबुआ जिले की तीनों विधानसभा के साथ जोबट और सरदारपुर विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी शामिल हुए थे।
निर्वाचन आयोग ने 40 लाख तय की थी खर्च सीमा
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 लाख रुपए खर्च करने की सीमा तय कर रखी है। इसके लिए अलग अलग प्रचार सामग्री से लेकर खाने पीने तक की वस्तुओं की दर भी पहले से ही तय कर दी थी, ताकि हिसाब किताब में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हों। प्रत्याशियों का ज्यादातर खर्च चुनाव कार्यालय, कार्यकर्ताओं के लिए वाहन व्यवस्था, चाय-नाश्ता और चुनावी सभा पर हुआ है।
विधानसभावार प्रत्याशियों के खर्च का ब्योरा
1. झाबुआ विधानसभा
कांग्रेस के विक्रांत ने 10.35 लाख रुपए किए खर्च
झाबुआ विधानसभा में कुल 8 प्रत्याशी मैदान में थे। प्रत्याशियों द्वारा जो ब्योरा दिया गया है उसके मुताबिक चुनाव प्रचार में सबसे ज्यादा 10 लाख 93 हजार 493 रुपए कांग्रेस प्रत्याशी डॉ विक्रांत भूरिया ने खर्च किए। वहीं भाजपा उम्मीदवार भानू भूरिया 10 लाख 35 हजार 612 रुपए के खर्च के साथ दूसरे नंबर पर हैं। हालांकि अभी इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा का खर्च जुडऩा बाकी है। इसके बाद खर्च का आंकड़ा और बढ़ जाएगी। झाबुआ विधानसभा से निर्दलीय उम्मीदवार अमरू मोहनिया ने महज 1080 रुपए में ही चुनाव लड़ लिया।
2. थांदला विधानसभा
चुनाव प्रचार में वीरसिंह ने दिल खोल किया खर्च
थांदला विधानसभा में 9 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। प्रचार में कांग्रेस प्रत्याशी वीरसिंह भूरिया ने सबसे ज्यादा 18 लाख 63 हजार 457 रुपए खर्च कर दिए। भाजपा के कलसिंह भाबर ने 12 लाख 95 हजार 531 रुपए प्रचार में लगाए। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी की सभा का खर्च शामिल नहीं है।। भारत आदिवासी पार्टी के माजू डामोर ने 445318 जबकि जनता दल (यूनाइटेड) के तोलसिंह भूरिया ने 143052 रुपए खर्च किए है। वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी के मनीष मुनिया और निर्दलीय प्रत्याशी बाबू डामोर दोनों का चुनावी खर्च बराबर 5 हजार 250 रुपए ही है।
3. पेटलावद विधानसभा
वालसिंह मेड़ा ने 16.10 लाख खर्च कर रहे आगे
यहां कुल 8 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। यहां भी कांग्रेस प्रत्याशी वालसिंह मेड़ा चुनाव प्रचार पर खर्च करने में सबसे आगे रहे। उन्होंने 16 लाख 10 हजार 85 रुपए खर्च किए। वहीं भाजपा प्रत्याशी निर्मला भूरिया के 9 लाख 11 हजार 689 रुपए खर्च हुए हैं। उनके खर्च में अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा का हिसाब और जुड़ेगा। वहीं आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी कोमलसिंह डामोर चुनाव प्रचार पर 7 लाख 25 हजार 140 रुपए के खर्च के साथ तीसरे नंबर पर है।