जौनपुर. छुट्टी के दिनों में परिवार के साथ शाही किले का दीदार करना चाहते हैं तो अब जेब थोड़ी और ढीली करनी होगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने किले के भीतर जाने के लिए लगने वाले 5 रूपए के टिकट को 15 रूपए करने का फैसला कर लिया है। टिकट दर में हुई तिगुनी बढ़ोत्तरी एक अप्रैल से लागू कर दी जाएगी। हालांकि पहले लगने वाला टिकट दर 20 साल पहले निर्धारित किया गया था। टिकट बढ़ोत्तरी के पीछे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की दलील है कि पैसे बढ़ेंगे तो सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी।
यूं तो जौनपुर में कई ऐतिहासिक धरोहरें मौजूद हैं। लेकिन पयर्टन के लिहाज से शाही किला का अपना अलग महत्व है। शहर के बीचो बीच गोमती नदी के किनारे मौजूद शाही किला हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। छुट्टी के दिनों में लोग वक्त गुजारने के लिए अपने परिवार के साथ यहां आया करते हैं। यहां आने के लिए लोगों को प्रति व्यक्ति 5 रूपए का टिकट लेना पड़ता था। लेकिन अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने फैसला किया है कि टिकट दर को बढ़ाकर 15 रूपए कर दिया जाए। यानी भारतीय पर्यटकों को शाही किले का दीदार करने के लिए 15 रूपए का टिकट लेना होगा।
वहीं विदेशी पर्यटकों को इसके लिए पहले 100 रूपए देने पड़ते थे। बढ़ी दर के हिसाब से उन्हें 3 सौ रूपए चुकाने होंगे। एएसआई का दावा है कि बढ़ी दर से होने वाली आमदनी के एवज में पर्यटकों को विशेष सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। साथ ही इसकी खूबसूरती और मरम्मत में खर्च की सीमा बढ़ाई जाएगी। शाही किला प्रभारी हरिश्चंद्र सिंह ने बताया कि 20 साल बाद टिकट दर में बदलाव किया गया है। एएसआई पर्यटन का बढ़ावा देने के लिए सुविधाओं में इजाफा करने जा रहा है। कई और ऐतिहासिक धरोहरों पर लगने वाला टिकट दर भी बढ़ाया जाएगा।
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