उन्होंने आगे कहा कि ये अटाला माता मंदिर है, जिसे मुगल आक्रांताओं द्वारा जबरदस्ती कब्जे में करके मस्जिद का स्वरूप दे दिया गया था। इसको खाली कराने के लिए और पुनः हिंदू धर्म के धर्मावलंबियों के पूजा-पाठ के लिए श्रद्धा-विश्वास को बनाए रखने के लिए और अपने कब्जे को पुनः बहाल करने के लिए यह मुकदमा है जो न्यायालय में लंबित है।
सर्वे के लिए गई टीम को बंद मिले सारे गेट
राम सिंह ने आगे कहा, “कोर्ट के आदेश से आज मैं वादी अधिवक्ता, अमीन महोदय और उनके सहायक लोग यहां पर उपस्थित हुए हैं। हमने अटाला मस्जिद का चारों तरफ से भ्रमण करके देखा। सर्वे के लिए प्रयास किया गया, लेकिन सारे गेट बंद मिले। वो सभी लोग वहां से नदारद रहे, जो अटाला मस्जिद का खुद को कब्जेदार कहते हैं। हमारी टीम वापस इसकी रिपोर्ट न्यायालय को करेगी। कोर्ट के आदेश के बाद हम दोबारा यहां आएंगे।” ‘कोर्ट के आदेश का होगा पालन’
न्यायालय अमीन राम स्वारथ मिश्र ने बताया कि ‘स्वराज वाहिनी बनाम पीस कमेटी’ के नाम सिविल जज जूनियर डिवीजन शहर जौनपुर न्यायालय में मुकदमा लंबित है। मस्जिद के सभी गेटों में ताला बंद होने के कारण पैमाइश नहीं हो पाई। इसकी जानकारी न्यायालय को दे देंगे और आगे न्यायालय का जो आदेश होगा पालन किया जाएगा।