पत्थलगांव. उन्हें टै्रफिक यातायात नियमों का जरा भी ज्ञान नहीं है। नाबालिग बच्चे फर्राटे से मोटरसायकल या स्कूटी दौड़ा कर स्कूल व घर आना जाना करते हैं, इस दौरान ये सडक़ पार करते या चौक-चौराहों में जरा भी यातायात के नियमो की समझ नहीं रखते, उसके बाद भी स्कूल प्रबंधक या ऐसे बच्चों के अभिभावक उनकी सुरक्षा से मुंह मोड़ रखे हैं। इस संबंध में शहर के जागरुक लोगों ने शिकायत करते हुए बताया कि, एक ओर जहां स्कूल संचालक मोटी फीस लेकर बच्चों की संख्या स्कूलों में सबसे अधिक रखने की दौड़ में शामिल हैं। दूसरी ओर अभिभावक गुणवत्ता युक्त शिक्षा दिलाने के नाम पर अपने कत्र्तव्यों से मुंह मोड़े हुए हैं। इन दिनो शहर में नाबालिग वाहन चालकों की संख्या सबसे अधिक है, जिसमें 80 प्रतिशत नाबालिग स्कूली छात्र हैं, जो हर रोज अपनी महंगी बाईक में स्कूल से घर व घर से स्कूल आना जाना करते हैं। इस दौरान वे यातायात नियमों को अनदेखी कर वाहन चला रहे हैं।
नाबालिगों से आए दिन हो रहे सडक़ हादसे – अक्सर ऐसे मामले हर रोज यहां की सडक़ों में देखने को मिलते है, उसके बाद भी स्कूल संचालक व अभिभावक अपने लाड़लों को बाईक से स्कूल भेजना अपनी शान समझते हैं। इधर प्रशासन की बात करें तो पुलिस की ओर से शहर में नाबालिग या नौसिखिये वाहन चालकों पर लंबे समय से कोई कार्यवाही नहीं की गई है। यही कारण है कि शहर में नाबालिगों के साथ-साथ नौसिखिये वाहन चालक हर रोज किसी न किसी निर्दोश व्यक्ति को अपनी चपेट में लेकर उसे अस्पताल का रास्ता दिखा रहे हैं।