पत्थलगांव. शहर मे इन दिनों सट्टा मटका जुआं के बाजार मे नाबालिक अपने घर से पैसो की चोरी कर अपराध की दुनियां मे कदम बढ़ा रहे हंै। इन दिनो यहा ं52 पत्ती के जुआ के साथ सट्टा-मटका का बाजार भी पूरी तरह गर्म हो चुका है। इस खेल मे अधिकंाश खिलाड़ी नाबालिक बताए जा रहे हैं,जो अपने घर से रुपए की चोरी कर रातो-रात अमीर बनने का सपना आंखो मे संजोये बैठे है। इन दिनों शहर मे सटटा-मटका जुआ अनेक जगह खेलवाया जा रहा है। जिसमें खिलाने वाले दलाल नाबालिको को इस खेल के जरिये रातो-रात अधिक रुपए कमाने का सपना दिखा रहे हैं। यह खेल यहां दलालो के माध्यम से बड़े महानगरो की तर्ज पर खोला एवं बंद किया जाता है। बताया जाता है कि यहां के पालीडिह, लाखझार, पत्थलगांव मे इस खेल को खिलाने वाले अनेक दलाल सक्रिय हैं, जो व्यवसाय के आड़ मे सट्टा-मटका जुआ का बाजार नाबालिको के जरिये चला रहे है। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार यह खेल इंटरनेट के जरिये आनलाईन व आफलाईन खेला जाता है। जिसमे रुपए लगाने वाले ग्राहक नंबर खुलने पर नब्बे गुना रकम प्राप्त करते हैं।
बताया जाता है कि खिलाडी इस खेल मे सौ रुपए लगाकर उनका लगाया नंबर आने पर नौ हजार रुपए तक कमा लेते हैं। लेकिन इस खेल मे जहां एक खिलाडी रुपए कमाता है वहीं दस खिलाडी अपने रुपए बर्बाद भी कर रहे है। इन दिनो शहर मे सट्टा मटका जुअे के अनेक अड्डे संचालित हो रहे हैं। लेकिन संबंधित विभाग इस ओर कोई
ध्यान नहीं दे रहा है। नाबालिकों को इस बढ़ते अपराध के आगोश मे जाते देखकर रोकने का काम भी नही कर रहे है। यहां के कुछ जानकारो की माने तो संबंधित विभाग के कुछ सांठ-गांठ करने वाले लोग इन जुआं संचालको से अपनी सेटिंग करने का काम कर रहे हैं। बताया जाता है कि शहर मे इन दिनों 52 पत्ते का जुआ के अनेक अड्डे संचालित होने के बाद अब जुआ खिलाने वाले दलाल भी सक्रिय होकर सट्टा-मटका जुआ के अड्डे संचालित कर रहे हंै।
नाबालिक लगाते हैं दांव : सट्टा-मटका जुआ के बाजार मे तकरीबन प्रत्येक रोज ग्राहको के द्वारा पांच लाख से भी उपर का दांव लगाया जाता है। बताया जाता है कि यह काम मुबंई,कलकत्ता व
रायपुर जैसे नगरो से संचालित किया जा रहा है। जिसमे दलाल दिनभर ग्राहको का पैसा लेकर उन्हे उनका मनचाहा नंबर ईश्यु कर शाम के दौरान नंबर खुलने की जानकारी देते हैं। इस खेल मे 0 से लेकर 99 अंक पर ग्राहको के द्वारा दांव आजमाया जाता है। शाम के दौरान इन्हे दलालो के माध्यम से उस दिन के खुलने वाले नंबर की जानकारी प्राप्त होकर विजेता को नब्बे गुना मुनाफा दिया जाता है। इस खेल में जहां पुरूष वर्ग अपना दांव आजमा रहा है, वही सटटा-मटका जुआ के बाजार मे अधिकांश खिलाडी नाबालिक बताए जा रहे है।
आईपीएल के दौरान भी चला करोड़ों का सट्टा : इन दिनो शहर एक बार फिर जुआ व इसे खिलाने वाले दलालो के चुंगल मे फसां हुआ दिखाई दे रहा है। इन मामलो मे सबसे मजेदार बात यह है कि आज तक पुलिस जुआ खेलने व खिलाने वाले किसी भी दलाल पर कठोर कार्रवाई नहीं कर सकी है। बताया जाता है कि पिछले दिनों आईपीएल मैच के दौरान पुलिस की आंख के नीचे शहर मे सटोरियों के द्वारा करोड़ो रुपए का सट्टा खिलाया गया था। लेकिन पुलिस इन दलालो पर कार्यवाई तो दूर आज तक इनके नाम व पते भी नही खोज पाई है। इन सब बातो को देखने के बाद अब शहर पूरी तरह जुआं के चंगुल में फंसा दिखायी दे रहा है। यहां अनेक जगहों पर सट्टा, ताश व अब सटटा-मटका खिलाए जाने से लोगो का अमन चैन पूरी तरह बर्बाद हो चुका है।
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