अभियोजन के अनुसार प्रार्थी बेबी सोनवानी ने थाना जांजगीर में लिखित रिपोर्ट दी कि प्रकरण के कुछ लोगों के द्वारा आपस में मिलकर अकलतरा रोड जांजगीर पर साइन इंडिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम से चिटफंड कंपनी खोलकर लोगों को बड़ी-बड़ी लुभावने स्कीम कई गुना का ऑफर देकर ठगी कर रहे हैं। कंपनी के आरपीएफ योजना अंतर्गत रकम 5 साल में 2 गुना, 9 साल 6 गुना, 11 साल में 10 गुना एवं 16 साल में 15 गुना राशि देने का झांसा देकर व पावती रसीद देकर 25-30 लाख रुपए जमा कराया गया। साथ ही पैसा वापस मांगने पर टाल-मटोल करते हुए वापस नहीं किया गया। प्रार्थी को भी 16 साल में 15 गुना रकम वापस देने का झांसा देकर दो लाख रुपए जमा कराते हुए रसीद दी गई। साथ ही 15 दिन में बांड पेपर देने कहा गया, परंतु 15 दिन के बाद अब बांड पेपर नहीं दिया गया। तब प्रार्थी के द्वारा पता करने पर कंपनी का कार्यालय में ताला लगा हुआ था। कंपनी का साइन बोर्ड गायब था। आरोपीगण प्रार्थी को धोखाकर जमा रकम लेकर फरार हो गए।
रिपोर्ट पर जांजगीर थाना में धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्ण कर आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विजय अग्रवाल ने आरोपी सुखदेव टाइगर, प्रमोद साहू को धारा 420 के तहत 3 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही 3 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया। अर्थदंड की रशि नहीं पटाने पर 2 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई। प्रकरण में अन्य आरोपी फरार है।