माह भर पहले पुलिस ने शस्त्रधारियों को शस्त्र जमा करने का अल्टीमेटम दे दिया था। अल्टीमेटम का असर होने के बाद जिले भर 561 शस्त्रधारियों में 497 शस्त्रधारियों ने अपना शस्त्र जमा कर दिया है, लेकिन अब तक 64 शस्त्र जमा होना बाकी है। पुलिस का कहना है कि अब ऐसे शस्त्रधारियों से शस्त्र जमा करना बाकी रह गया है जो शहर या गांव छोड़कर बाहर हैं। इनमें से कुछ शस्त्र बैंकों के हैं, जिसे जमा करना अनिवार्य नहीं है।
चौपाल लगाकर छात्र-छात्राओं को दी गई मतदान की जानकारी, गुड टच और बैड टच के बारे में भी बताया जिले में शस्त्रधारियों की फौज है। आत्मरक्षा कहें या शौक वे हथियार तो जरूर रखें हैं। बाकायदा 561 शस्त्रधारियों ने अपने शस्त्र का लाइसेंस भी बनवा लिए हैं। चुनाव के दौरान उन्हें शस्त्र जमा करने का निर्देश जारी किया गया था। क्योंकि चुनाव को लेकर लोकशांति की सुरक्षा के साथ ही जनसामान्य की सुरक्षा के लिए जिला सीमा क्षेत्र में आग्नेय शस्त्र लाइसेंस धारियों से अस्त्र-शस्त्र जमा करने के निर्देश दिए जाते हैं।
सभी इलाइसेंस धारियों को अपने क्षेत्र के नजदीकी पुलिस स्टेशन में अस्त्र-शस्त्र जमा करने कहा गया है, लेकिन 561 शस्त्रधारियों में 497 लोगों ने ही अपना शस्त्र जमा किया है। वहीं 64 शस्त्रधारी ऐसे हैं जो बाहर गए हुए हैं। शस्त्रधारियों से संपर्क नहीं हो पा रहा है और वे अपना शस्त्र जमा नहीं कर पाए हैं। यह पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इसके अलावा कई शस्त्र बैंक गार्डों के हैं, जिस पर यह नियम लागू नहीं है। हालांकि जिले की पुलिस ने मोदी के आगमन के पहले ही 25 फीसदी शस्त्र जमा करा लिया था। इसके बाद भी अब तक दर्जनों शस्त्र जमा कराना बाकी है। इससे चुनाव में फर्क पड़ सकता है।
ऐसा इसलिए किया जाता है
चुनाव के दौरान रसूखदार ऐसे शस्त्र का बेजा उपयोग कर सकते हैं। चुनाव के दौरान वोट के लिए कोई भी प्रत्याशी अपने क्षेत्र में भय एवं आतंक का वातावरण निर्मित न करे जिसे देखते हुए उनका शस्त्र जमा कराया जाता है। ताकि चुनाव पर बुरा प्रभाव न पड़े, इसके लिए प्रशासन अब से अलर्ट हो चुकी है। शस्त्रधारियों को हर हाल में शस्त्र जमा करने दबाव बनाया जा रहा है।
बैंकों से नहीं कराएंगे शस्त्र जमा
बैंक में सुरक्षा के दृष्टिकोण से शस्त्र जमा नहीं कराए जाएंगे। बैंकों में ऐसे दर्जनों शस्त्र हैं। जिसे जमा कराना अनिवार्य नहीं बताया गया है। क्यों कि शस्त्र नहीं होने से बैंक में कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। जिले के आधा दर्जन बैंकों में शस्त्र है। जिसे जमा नहीं कराया जाएगा। जिले में सबसे अधिक शस्त्रधारी जांजगीर में है। यहां 87 शस्त्रधारी हैं।
पांच साल में बढ़े 75 शस्त्रधारी
जिले में बीते पांच सालों में 75 शस्त्र बढ़ गए। वर्ष 2013 में जहां जिले में 486 शस्त्रधारी थे। वहीं वर्ष 2018 के चुनाव में शस्त्रधारियों की संख्या 561 हो चुकी है। यानी पांच साल में 75 शस्त्रधारी बढ़ गए हैं। दिन ब दिन शस्त्र रखने का चलन लोगों में बढ़ रहा है।