गौरतलब है कि इन दिनों अर्धवार्षिक परीक्षा का दौर चल रहा है। वहीं शिक्षक ही शिक्षा की अलख जगाने के बजाए मौज मस्ती करने के लिए पिकनिक मनाने के लिए निकल रहे हैं। कुछ इसी तरह की शिक्षकों की हरकत सामने आई। जिसमें चंडीपारा मिडिल
स्कूल के छात्रों को लेकर यहां के शिक्षक पिकनिक मनाने निकल गए। बड़ी बात यह है कि 13 दिसंबर को ही ब्लाक मुख्यालय पामगढ़ में अपार आईडी को लेकर बीईओ कार्यालय में अहम बैठक थी। जिसमें चंडीपारा के शिक्षक नदारद थे। जबकि इस बैठक में हेडमास्टर को शामिल होना जरूरी था।
इन पांच शिक्षकों का दल रवाना
चंडीपारा पामगढ़ के मिडिल स्कूल में मीना पाटले प्रधान पाठक हैं। वहीं शिक्षकों में शोभनाथ भारद्वाज, चंद्रप्रभा साहू, उषा बंजारे के अलावा खुशबू चतुर्वेदी शामिल रहे। इनके साथ तकरीबन दो दर्जन स्कूली छात्र-छात्राओं का दल शामिल रहा। बड़ी बात यह है कि इन सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने पिकनिक जाने के बाद अपना-अपना मोबाइल बंद कर दिया था। इसके चलते विभागीय अधिकारियों व अभिभावक भी अपने बच्चों का हाल चाल नहीं जान पाए जो लोगों के बीच चर्चा का विषय रहा।
यह हैं स्पष्ट निर्देश
बीते दिनों ऐसे ही पिकनिक मनाने गए शिक्षकों व छात्रों का दल दुर्घटना का शिकार हो गया था। तब यह बातें सामने आई थी कि बिना डीईओ के परमिशन के किसी भी स्कूल के शिक्षकों को छात्रों को साथ लेकर पिकनिक पर जाना प्रतिबंधित है। तब से पूरे राज्य में यह आदेश प्रशारित किया गया था कि बिना डीईओ के आदेश के किसी को पिकनिक नहीं जाना है। वहीं डीईओ के उक्त आदेश को शिक्षकों ने दरकिनार कर दिया। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षक किस कदर बेपरवाह हैं। बिना बीईओ व डीईओ की जानकारी के स्कूली बच्चों को पिकनिक पर ले जाना गलत है। इसके लिए शिक्षकों ने बीईओ से परमिशन नहीं लिया है। यह सरासर गलत है। स्कूल किसी भी सूरत में बंद नहीं होना चाहिए। शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। – मोहन कौशिक, बीईओ पामगढ़