शहर के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और
बीजेपी के सीनियर लीडर नारायण चंदेल के छोटे भाई शेखर चंदेल की लाश रेलवे ट्रैक पर शुक्रवार की रात 11 बजे के करीब मिली। बताया जा रहा है कि नैला स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 के अंतिम में ट्रेन के सामने आकर उन्होंने खुदकुशी कर ली। पुलिस की मानें तो रात 9 बजे के आसपास शेखर चंदेल अपने राइस मिल से बाहर निकले थे। इस दौरान मोबाइल में किसी से बात कर रहे थे।
एक घंटे बीतने के बाद वापस नहीं आए तो परिजन ढूंढने के लिए निकले। रेलवे स्टेशन में आरपीएफ पुलिस से मिले, उसके बाद रेलवे ट्रैक की ओर गए। जहां पर एक शव मिला। चेहरा पूरी तरह से क्षत-विक्षत हालत में था। बाकी इधर शरीर में कहीं कोई चोट के निशान थे। परिजन कपड़े को देखकर पहचान गए। इसके बाद शेखर चंदेल के पुत्र को बुलाया गया, पुत्र ने भी शव की पहचान की। घटना की जांच जीआरपी पुलिस चांपा कर रही है।
बताया जा रहा है कि शेखर अक्सर रेलवे स्टेशन के आसपास जाकर टहलते थे। रेलवे ट्रेक के पास उनकी लाश मिलने की घटना रात में भी आग की तरह शहर सहित पूरे जिले में फैल गई। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। एसपी विवेक शुक्ला सहित पुलिस बल भी मौके पर पहुंच गई। घटना की जानकारी के बाद बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई। पुलिस (Shekhar Chandel Death Case) ने पंचनामा के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। जहां रात में ही सैकड़ों की संख्या शुभचिंतकों की भीड़ उमड़ पड़ी।
शेखर चंदेल बीजेपी में सक्रिय राजनीति के साथ ही हाल ही में स्काउट गाइड के जिला आयुक्त भी बनाए गए थे। जिला अस्पताल में शनिवार की सुबह 8 बजे पोस्टमार्टम किया गया। जिला अस्पताल के तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। जीआरपी पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया
खुदकुशी लग रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस भी जांच में जुटी हुई है।
Shekhar Chandel Death Case: घटना से जिला सहित शहर स्तब्ध
शेखर चंदेल युवा वर्ग में काफी लोकप्रिय थे, उनके इस तरह अचानक निधन से सब स्तब्ध है। जिला सहित शहर में शोक की लहर है। शुक्रवार को शेखर चंदेल की मौत की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी देर रात ही घटनास्थल पर पहुंच गई थे। शेखर चंदेल की सुपुत्री बैंगलोर में रहकर पढ़ाई करती है। शनिवार को उसके आने के बाद दोपहर 3 बजे के करीब शहर में अंतिम यात्रा निकाली गई। जिसमें जिले भर से बड़ी संख्या में मित्र, साथी व जिलेवासी शामिल है। साथ ही कई दिग्गज मंत्री भी शामिल हुए।