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जांजगीर चंपा

जम्मू-कश्मीर से छुड़ाकर लाए गए मजदूर भटकते रहे घंटों, भूख-प्यास से बिलखते रहे बच्चे, प्रशासन बोला- हमने पूरी मदद की

Laborers rescued: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के ईट भट्टा से छुड़ाकर लाए श्रमिकों का छलका दर्द, रात चांपा स्टेशन में गुजारी, सुबह 10 किमी पैदल चलकर कलेक्टोरेट (Collectorate) पहुंचे मजदूर परिवार, 5 हजार रुपए देकर कहा- जाओ घर वापस, अब न खाने के पैसे ने घर जाने के

जांजगीर चंपाSep 20, 2022 / 09:08 pm

rampravesh vishwakarma

Laborers rescued

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जांजगीर-चांपा. Laborers rescued: बंधक बनने की शिकायत के बाद जम्मू-कश्मीर से जिले में वापस लाए गए मजदूर मंगलवार को घर वापसी जाने के लिए घंटों तक भटकते रहे। छोटे-छोटे बच्चे भूख-प्यास से बिखलते नजर आए। चांपा स्टेशन में रात बिताने के बाद 10 किमी पैदल चलकर श्रमिक परिवार कलेक्टोरेट पहुंचे और अपनी परेशानी बताई। इसके बाद प्रशासन (Administration) ने बस की व्यवस्था कर उन्हें रवाना किया। श्रमिक परिवारों ने शासन-प्रशासन पर उन्हें यहां लाकर बेसहारा छोड़ देने का आरोप लगाया। इधर जिला श्रम अधिकारी ने कहा कि हमने उन्हें नाश्ता कराया और घर तक भिजवाया, हमने उनकी पूरी मदद की।

दरअसल जम्मू-कश्मीर के जिला बडग़ाम के मुदैरपुरा में जांजगीर-चांपा और सक्ती जिले के मजदूर परिवारों को बंधक बना लेने की शिकायत जिला प्रशासन को मिली थी। इस पर 15 सितंबर को यहां से टीम वहां पहुंची थी। प्रशासन के मुताबिक बंधक बनाने की बात गलत निकली थी और ठेकेदार और मजदूरों के बीच लेन-देन का विवाद बताया था।
इसके बाद टीम ने वहां से 84 मजदूरों को वापस यहां भिजवाने की व्यवस्थी थी। सोमवार को दोपहर श्रमिक बिलासपुर पहुंचे और वहां से फिर लोकल टे्रन से रात 8 बजे चांपा उतरे थे।
वापस लौटै मजदूरों में जैजैपुर ब्लॉक के ग्राम बेलादुला, अकलसरा, छाता पंडरिया, कोटेतरा, बहेराडीह, तुषार, किकिरदा, चांपा के कोटाडबरी के अलावा 4 परिवार रायगढ़ जिले के सारगंढ क्षेत्र के मल्दा के हैं।


5000 रुपए रात में खाने-पीने में खर्च हुए, अब जेब में फूटी-कौड़ी नहीं
श्रमिकों के साथ वापस लौटे जैजैपुर ब्लॉक के ग्राम तुषार के सुरेश सतनामी ने बताया कि यहां पहुंचने के बाद उन्हें 5 हजार रुपए अफसरों ने दिए और कहा कि यहां से अपने-अपने घर लौट जाओ। मगर चांपा से इतने पैसे में कोई भी ले जाने तैयार नहीं था। सभी लोग भूख-प्यासे थे। 5 हजार रुपए खाने में खर्च हो गए।
Laborers rescued
रात स्टेशन में भी बिताए। अब न तो किसी के खाने के पैसे थे न लौटने में। ऐसे में सभी लोग एक राय होकर पैदल ही चांपा से जांजगीर कलेक्टोरेट तक आए हैं।

यहां जिला प्रशासन के द्वारा श्रम विभाग से बात कर उनके लिए बस कराने की बात कही जा रही है। यहां कई घंटे से बस का इंतजार कर रहे हैं। चार महीने तक वहां काम किए लेकिन एक पैसा नहीं मिला। हमें यहां भेज दिया। मजदूरी का क्या होगा कुछ नहीं बता रहे।

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श्रम पदाधिकारी बोले- पूरी मदद की
जम्मू-कश्मीर से वापस लाए गए मजदूर सोमवार को बिलासपुर रेलवे स्टेशन लाए गए थे। यहां से प्रति मजदूर किराया-भाड़ा के लिए 100 रुपए के हिसाब से पैसे दिए गए थे मगर वे लोग चांपा में रुक गए और सुबह कलेक्टोरेट पहुंच गए। दोपहर में यहां बस की व्यवस्था कर उन्हें घर भिजवाया गया। इसके पहले चाय-नाश्ता भी कराए हैं। जिला प्रशासन की ओर से पूरी मदद पहुंचाई गई है।
घनश्याम पाणिग्रह, जिला श्रम पदाधिकारी जांजगीर-चांपा

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