दरअसल जम्मू-कश्मीर के जिला बडग़ाम के मुदैरपुरा में जांजगीर-चांपा और सक्ती जिले के मजदूर परिवारों को बंधक बना लेने की शिकायत जिला प्रशासन को मिली थी। इस पर 15 सितंबर को यहां से टीम वहां पहुंची थी। प्रशासन के मुताबिक बंधक बनाने की बात गलत निकली थी और ठेकेदार और मजदूरों के बीच लेन-देन का विवाद बताया था।
5000 रुपए रात में खाने-पीने में खर्च हुए, अब जेब में फूटी-कौड़ी नहीं
श्रमिकों के साथ वापस लौटे जैजैपुर ब्लॉक के ग्राम तुषार के सुरेश सतनामी ने बताया कि यहां पहुंचने के बाद उन्हें 5 हजार रुपए अफसरों ने दिए और कहा कि यहां से अपने-अपने घर लौट जाओ। मगर चांपा से इतने पैसे में कोई भी ले जाने तैयार नहीं था। सभी लोग भूख-प्यासे थे। 5 हजार रुपए खाने में खर्च हो गए।
श्रम पदाधिकारी बोले- पूरी मदद की
जम्मू-कश्मीर से वापस लाए गए मजदूर सोमवार को बिलासपुर रेलवे स्टेशन लाए गए थे। यहां से प्रति मजदूर किराया-भाड़ा के लिए 100 रुपए के हिसाब से पैसे दिए गए थे मगर वे लोग चांपा में रुक गए और सुबह कलेक्टोरेट पहुंच गए। दोपहर में यहां बस की व्यवस्था कर उन्हें घर भिजवाया गया। इसके पहले चाय-नाश्ता भी कराए हैं। जिला प्रशासन की ओर से पूरी मदद पहुंचाई गई है।
घनश्याम पाणिग्रह, जिला श्रम पदाधिकारी जांजगीर-चांपा