प्रेमी जोड़े को पसंद है कश्मीर! भाग कर नई जीवन की शुरुआत कर रहे 44 जोड़े चढ़े पुलिस के हत्थे, देखें..
Janjgir Champa News: लिस आपरेशन मुस्कान योजना का संचालन कर रही है। जिसमें गुम इंसानों की तलाश करनी होती है। प्रदेश में गुम इंसानों को फौरी तौर पर ढूंढ निकालने में जांजगीर का नाम पहले क्रम में है।
Chhattisgarh News: जांजगीर-चांपा। पुलिस आपरेशन मुस्कान योजना का संचालन कर रही है। जिसमें गुम इंसानों की तलाश करनी होती है। प्रदेश में गुम इंसानों को फौरी तौर पर ढूंढ निकालने में जांजगीर का नाम पहले क्रम में है। दरअसल, जिले में काफी लंबे अर्से से 127 गुम इंसान के मामले लंबित थे। इतने में 75 मामलों के निराकरण करने का टारगेट रखा गया था। ऐसे मामलों के दस्तयाबी के लिए जिले की पुलिस ने गंभीरता बरती।
जिले के 11 थानों में गुम इंसानों की लिस्ट बनाई और 6 टीम भ्ज्ञी बनाई। इन छह टीमों को प्रदेश के जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश सहित अन्य राज्यों में छापेमारी कर 44 लोगों को ढूंढ निकाला। इनमें 90 फीसदी मामले प्रेम प्रसंग का है। जिसमें लड़की अपने प्रेमी जोड़ाें के साथ घर से गुपचुप तरीके से भाग निकलती हैं। थाने में रिपोर्ट लिखाते (cg news) पर काफी समय बीत चुका होता है। फिर पुलिस का टेंशन बढ़ जाता है। पुलिस आपरेशन मुस्कान योजना के तहत इन्हें पकड़ने निकली और 15 दिनों के भीतर जांजगीर पुलिस ने ऐसे 44 प्रेमी जोड़ों को पकड़कर उनके परिजनों को मिला दिया है।
समाज का रोड़ा भी आता है सामने अधिकतर प्रेमी जोड़े अंतरजातीय मामलों को लेकर रहता है। प्रेमी जोड़े अलग-अलग जाति धर्म के होते हैं। जिसे माता पिता आसानी से स्वीकार नहीं करते। जिसके चलते पुलिस की फजीहत होती है। पुलिस ऐसे लोगों के बीच की दूरी की खाई को पाटने की कोशिश करती है। तब बड़ी मुश्किल से मामला सुलझता है। कई मामले तो ऐसे भी मिले जिसमें महिला गर्भवती हो चुकी होती है। तो वहीं कई मामलों में महिला बच्चे को जन्म दे चुकी होती है।
थानों में ही रिपोर्ट लिखने में बरतते हैं कोताही पुलिस ऐसे मामले की रिपोर्ट लिखने में कोताही बरतती है। क्योंकि उन्हें खुद के खर्च से जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों का दौरा करना पड़ता है। शासन की ओर से ऐसे मामलों के निराकरण करने के लिए यात्रा भत्ता के तौर पर बड़ी रकम नहीं देती। यदि सरकार (cg news) यात्रा भत्ता देती तो समय रहते मामलों का निराकरण हो सकता था। लेकिन विडंबना यह है कि पुलिस को स्वयं के व्यय से ऐसे मामलों का निराकरण करना होता है।
इस तरह बनी टीमटीम वन- टीम जम्मू कश्मीर, गुरुदासपुर पंजाब, जालंधर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा गई थी। यहां सर्वाधिक प्रकरण 12 मामलों का निराकरण किया गया। इस टीम के लीडर एसआई नरेंद्र मिश्रा, एएसआई विजय केंवट थे।
टीम टू- टीम टू में पामगढ़ नवागढ़ का मामला था। जिसमें यह टीम राजस्थान, गुजरात व अहमदाबाद गई थी। टीम में एएसआई सुनील टैगोर, आरक्षक योगेश बंजारे थे। टीम थ्री- इस टीम में अकलतरा, पामगढ़, बलौदा के लंबित मामले थे। जिसमें यह टीम सुल्तानपुर, भगौली यूपी, महराजगंज यूपी व आगरा गई थी। जिसमें एएसआई अरूण सिंह, एएसआई कमलेश मिश्रा शामिल थे।
टीम फोर- यह टीम शिवरीनारायण से गई थी। जिसमें पूणे महाराष्ट्र की ओर गई थी। जिसमें एएसआई लंबोदर सिंह, प्रआ. रूद्र कश्यप थे। जो प्रेमी जोड़े को ढूंढकर लाई। टीम फाइव- इस टीम में मुलमुला, बिर्रा, शिवरीनारायण, अकलतरा के मामले को लेकर दस्तयाबी के लिए निकली थी। टीम में एसआई संतोष शर्मा, एसआई अवनीष श्रीवास शामिल थे।
टीम सिक्स- इस टीम में अकलतरा व नवागढ़ के मामले को लेकर छतरपुर, अशोकनगर मध्यप्रदेश गई थी। टीम में एएसआई भगवती खांडेकर, एएसआई हीरालाल एक्का सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मी शामिल थे।
आपरेशन मुस्कान योजना के तहत गुम इंसान की तलाश के लिए जिले में 6 टीम बनाए थे। यह टीम 15 दिन के भीतर 44 लोगों को ढूंढ निकाला है। प्रदेश में इतने तादात में प्रकरण के निराकरण होना बड़ी सफलता है।